नई दिल्ली। कोरोना वायरस की महामारी और आर्थिक संकट झेल रहे राज्यों को केंद्र सरकार थोड़ी राहत देने जा रही है। केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि वह आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को 12 हजार करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त कर्ज उपलब्ध कराएगी। यह कर्ज 50 साल की अवधि का होगा और यह पूंजीगत परियोजनाओं पर खर्च करने के लिए दिया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को अचानक बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में इस योजना की घोषणा करते हुए कहा कि 12 हजार करोड़ रुपए की राशि में से 16 सौ करोड़ रुपये पूर्वोत्तर राज्यों को और नौ सौ करोड़ रुपए उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश को दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि साढ़े सात हजार करोड़ रुपए की राशि शेष राज्यों को दी जाएगी। दो हजार करोड़ रुपए उन राज्यों को दिए जाएंगे, जिन्होंने पहले बताए गए सुधारों को पूरा कर लिया होगा।
सीतारमण ने इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पूरी राशि नई या मौजूदा पूंजीगत परियोजनाओं पर खर्च की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि राज्य ठेकेदारों और आपूर्तिकर्ताओं के लिए बिलों का निपटान भी इससे कर सकते हैं, लेकिन पूरी राशि का भुगतान 31 मार्च, 2021 से पहले करना होगा। उन्होंने कहा कि यह कर्ज राज्यों की उधारी सीमा से अलग होगा। 50 साल बाद राज्यों को इसका भुगतान एक बार में करना होगा। वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से 25 हजार करोड़ रुपए के अतिरिक्त पूंजीगत व्यय की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह अतिरिक्त राशि सड़क, रक्षा ढांचे, जलापूर्ति और शहरी विकास पर खर्च की जाएगी। यह 4.13 लाख करोड़ रुपए के निर्धारित बजट के अतिरिक्त होगी।
राज्यों को ब्याज मुक्त कर्ज देगा केंद्र
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