नई दिल्ली। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 16 नवंबर को एक प्रेस नोट जारी कर इंटरनेट पर भारतीय समाचार ठिकानों के बाबत निर्देश जारी किए है। समाचार वेबसाइट्स और बाकी के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जो खबरों से जुड़ा कामकाज देखते हैं और जिनमें 26 प्रतिशत तक फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट है उनको अब अपने ओनरशिप पैटर्न की जानकारी सूचना और प्रसारण मंत्रालय को देनी होगी। साथ ही ऐसे संस्थान जिनमें 26 प्रतिशत से ज्यादा विदेशी निवेश है, उनको अक्टूबर 2021 तक अपना विदेश निवेश घटाकर 26 प्रतिशत पर लाना होगा।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रेस नोट के अनुसार जो भी संस्थान डिजिटल माध्यमों के जरिए न्यूज, कंटर अफेयर्स स्ट्रीम या अपलोडिंग का काम करते हैं उनको इन नए निर्देशों का पालन करना होगा।
नए नोटिस में बताया गया है कि ऐसे संस्थान जिनमें 26% से कम विदेशी निवेश हैं वो इसके बारे में सूचना और प्रसारण मंत्रालय को इसी जानकारी एक महीने के अंदर दे सकते हैं। इसके अलावा संस्थानों को कंपनी से जुड़ी सारी जानकारी, कंपनी का नाम, शेयरहोल्डिंग पैटर्न के साथ-साथ कंपनी के डायरेक्टर्स और शेयरहोल्डर्स के नाम भी देने होंगे।
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश पॉलिसी, फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट रूल्स 2019 के तहत पहले से प्राइसिंग, दस्तावेज और बाकी की जरूरतों की जानकारी देनी ही होती थी। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कंपनी के PAN अकाउंट की भी मांग की है। इसके अलावा कंपनी के मुनाफे और घाटे की बैलेंसशीट की भी जानकारी मांगी है, जिसमें ऑडिटर की रिपोर्ट भी शामिल होनी चाहिए।
समाचार वेबसाइट्स को बतानी होगी मालिकना स्थिति
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