
देहरादून। उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूट कर गिरने से आई बाढ़ में बह कर लापता हो गए 136 लोगों को मरा हुआ मान लिया गया है। हादसे के 17 दिन बाद राज्य सरकार ने इन सभी लापता लोगों को मृत घोषित कर दिया। मंगलवार को इसका आदेश जारी किया गया। सरकार की तरफ से लापता लोगों को मृत मान लिए जाने के बाद आपदा में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ कर 206 हो गई है। हालांकि अब भी कई जगह सुरंगों की सफाई का काम चल रहा ताकि मृत लोगों के शव निकाले जा सकें।
आपदा के 17वें दिन मंगलवार तक 70 लोगों के शव मिल चुके हैं और 29 मानव अंग मिले हैं। राज्य सरकार के मुताबिक चमोली और आस-पास के इलाकों में लगातार तलाश जारी है। बड़ी संख्या में लोगों के शव बरामद हुए हैं, जबकि कुछ लोगों को सुरक्षित भी निकाला गया। इसके बावजूद अभी तक जिन लोगों की कोई जानकारी नहीं मिल सकी है, उन्हें अब मृत घोषित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि चमोली में रैणी गांव के पास ऋषिगंगा नदी के ऊपर ग्लेशियर टूटने से कृत्रिम झील बन गई इससे अभी भी बड़ा खतरा बना हुआ है। झील का मुंह छोटा होने के चलते पानी का बहाव काफी धीमी गति से हो रहा था। इसके चलते झील टूटने का खतरा बन गया था। इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस यानी आईटीबीपी के जवानों ने झील के मुंह को करीब 15 फीट चौड़ा कर दिया है। यहां पानी के जमाव के चलते दबाव बनने लगा था। राहत व बचाव के काम में लगी टीम ने झील की गहराई भी मापी है और पानी की मात्रा का अंदाजा भी लगाया है। वहां सेंसर भी लगाया गया है ताकि पानी का स्तर बढ़ने पर उसका पता लग सके।