भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस के आतंकी विरोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर के घर से मिले रासायनिक पदार्थ मामले में गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में खुलासा किया कि आरोपी ने अपनी मां और भाई को फंसाने की साजिश के तहत इस वारदात को अंजाम दिया था।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एटीएस राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि आरोपी सैयद अब्दुल रहमान का अपने भाई हफीजर्उरहमान एवं मां नासेहा बेगम के साथ सम्पत्ति और शादी की वजह से विवाद चल रहा था।
अनबन होने से अब्दुल रहमान के खिलाफ उसके भाई ने वर्ष 2014 में नांदेड में हत्या के प्रयास संबंधी रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिससे उसे जेल में रहना पड़ा था। गुप्ता ने बताया कि इसी से नाराज होकर अब्दुल ने अपने भाई, मां तथा इन सभी का साथ देने वाले निकट संबंधियों और पड़ोसियों से बदला लेने की नीयत से कूट रचित दस्तावेज तैयार किए और इन सभी को फंसाने का कुचक्र रचा।
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इससे पूर्व भी आरोपी द्वारा एक पत्र अंसार उल मुसलमीन नामक संगठन के नाम से अपने भाई के कॉलेज के चांसलर को भेजा था, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इसके बाद आरोपी ने इंटरनेट पर खोजबीन कर अक्टूबर 2019 में कश्मीर के बीजेपी नेता, साध्वी प्राची एवं भोपाल की सांसद सुश्री प्रज्ञा ठाकुर को पत्र भेजे थे। सांसद सुश्री ठाकुर को भेजे गए लिफाफे में उर्दू भाषा का एक पत्र, अपने भाई हफीजर्उरहमान की मार्कशीट और अन्य दस्तावेज एवं मां का वोटर आईडी कार्ड रखे थे। यह सब उन्हे फंसाने की साजिश के तहत भेजा गया था।
गुप्ता ने बताया कि इस मामले में सांसद सुश्री ठाकुर के निज सचिव पुरूषोत्तम नामदेव ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि सांसद को नुकसान पहुंचाने के आशय से किसी ने उनके निवास पर एक अज्ञात पत्र भेजा है। उसमें कुछ फोटो एवं पाउडर जैसा रासायनिक पदार्थ भी मिला है। पुरूषोत्तम की ओर से अज्ञात आरोपी खिलाफ भोपाल के कमला नगर थाने में अपराध दर्ज कराया गया था।