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कांग्रेस के घोषणापत्र पर चिदंबरम की सफाई

ByNI Desk,
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कांग्रेस के घोषणापत्र पर चिदंबरम की सफाई
नई दिल्ली। कृषि संबंधी तीन विधेयकों को लेकर कांग्रेस पर हो रहे हमले के जवाब पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को दिया। उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के घोषणापत्र में एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केट कमेटी, एपीएमसी एक्ट को खत्म करने के वादे को भाजपा के नेता तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। गौरतलब है कि भाजपा और केंद्र सरकार के मंत्रियों का आरोप है कि कांग्रेस ने एपीएमसी एक्ट को खत्म करने का वादा किया था और अब जबकि भाजपा सरकार ने इसे खत्म कर दिया तो वह इसका विरोध कर रही है। चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने किसानों की जीविका को खतरे में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने कॉरपोरेट जगत के सामने समर्पण कर दिया है। चिदंबरम ने कृषि संबंधी विधेयकों के खिलाफ सभी विपक्षी दलों से एकजुट होने की अपील करते हुए शनिवार को कहा कि हर पार्टी को स्पष्ट करना चाहिए कि वह किसानों के साथ है या फिर किसानों की जीविका को खतरे में डाल रही भारतीय जनता पार्टी के साथ है। पूर्व वित्त मंत्री ने एक बयान में कहा- भाजपा अपने खुद के बनाए हुए जाल में फंस गई है। दशकों से यह व्यापारियों के वर्चस्व वाली पार्टी रही है। इसने वस्तुओं और सेवाओं के अभाव वाली अर्थव्यवस्था का दोहन किया गया। उन्होंने कहा- इंदिरा गांधी द्वारा हरित क्रांति लाने और पीवी नरसिंह राव व मनमोहन सिंह द्वारा शुरू किए गए उदारीकरण के बाद हालात बदलने लगे।  चिदंबरम ने कहा- आज हमारे यहां गेहूं और चावल जैसी उपज अधिक मात्रा में पैदा हो रहे हैं। उन्होंने कहा- किसानों की ताकत की बुनियाद पर कांग्रेस की सरकारों ने खाद्य सुरक्षा प्रणाली बनाई, जिसके बाद 2013 में खाद्य सुरक्षा कानून बना। हमारी खाद्य सुरक्षा प्रणाली के तीन स्तंभ- न्यूनतम समर्थन मूल्य, सरकारी खरीद और सार्वजनिक वितरण व्यवस्था हैं। चिदंबरम ने कहा- कांग्रेस ने 2019 में इन्हीं सिद्धांत के आधार पर घोषणापत्र तैयार किया था। प्रधानमंत्री और भाजपा के प्रवक्ता ने कांग्रेस के घोषणापत्र को जान बूझकर तोड़-मरोड़कर पेश किया है।
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