लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जिस तरह लोगों ने हिंसा की, संपत्ति को नष्ट किया वो अपने घर में बैठ कर सोचें कि क्या ये सही था? गौरतलब है कि राज्य के मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की पहचान कर उनसे इसकी भरपाई करने का अभियान छेड़ा है। बहरहाल, प्रधानमंत्री ने राज्य के युवाओं से यह भी कहा कि आजादी के बाद से अधिकारों पर सबसे ज्यादा जोर रहा है पर अब दायित्वों के निर्वहन पर ध्यान देने की जरूरत है।
पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर लखनऊ में आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान पर चिंता जताई और प्रदर्शनकारियों से कहा- उन्हें इसके लिए आत्मचिंतन करना चाहिए। मोदी ने कहा- सरकारी संपत्ति को तोड़ने वालों को मैं कहना चाहूंगा कि बेहतर सड़क, बेहतर ट्रांसपोर्ट सिस्टम, उत्तम सीवर लाइन नागरिकों का हक है तो इसे सुरक्षित रखना और साफ-सुथरा रखना भी तो उनका कर्तव्य।
उन्होंने कहा- आज अटल सिद्धि की इस धरती से मैं यूपी के युवा साथियों को, यहां के हर नागरिक को एक और आग्रह करने आया हूं। आजादी के बाद के वर्षों में हमने सबसे ज्यादा जोर अधिकारों पर दिया है, लेकिन अब हमें अपने कर्तव्यों, अपने दायित्वों पर भी उतना ही बल देना है। अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- अटल जी कहते थे कि जीवन को टुकड़ों में नहीं समग्रता में देखना होगा। यहीं बात सरकार के लिए भी सत्य है, सुशासन के लिए भी सत्य है। मोदी ने कहा- सुशासन भी तब तक संभव नहीं है, जब तक हम समस्याओं को संपूर्णता में, समग्रता में नहीं सोचेंगे।
नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के किए काम बताते हुए कहा- भविष्य में हमारा मूल्यांकन दो बातों से होगा। एक है कि विरासत में मिली समस्याओं को हमने कैसे सुलझाया और दूसरा राष्ट्र के विकास के लिए हमने अपने प्रयासों से कितनी मजबूत नींव रखी है। हमें विरासत में अनुच्छेद 370 मिला। उसे हमने हटाया और बहुत आसानी से ऐसा कर दिखाया। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर उनकी सबसे बड़ी मूर्ति का अनावरण भी किया।