नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव एक बार फिर टल गया है। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि छह महीने में अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा पर कांग्रेस कार्य समिति अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनावों को कारण बता कर संगठन के चुनाव टाल दिए हैं। शुक्रवार को हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में तय किया गया कि मई में चुनाव होगा। बैठक के बाद पार्टी की ओर से कहा गया कि जून तक पार्टी का नया अध्यक्ष चुन लिया जाएगा।
इससे पहले कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में नेतृत्व के मसले पर नेताओं के बीच खुल कर चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि बैठक में पी चिदंबरम ने कार्य समिति के सदस्यों के साथ साथ पहले की तरह केंद्रीय चुनाव समिति और संसदीय बोर्ड का चुनाव करवाने पर भी जोर दिया। गुलाम नबी आजाद, मुकुल वासनिक और आनंद शर्मा ने भी इसका समर्थन किया। गौरतलब है कि पिछले ही हफ्ते पार्टी नेता कपिल सिब्बल ने एक इंटरव्यू में कार्य समिति के सदस्यों सहित चुनाव समिति और संसदीय बोर्ड का चुनाव कराने को कहा था।
बहरहाल, शुक्रवार की बैठक में चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष कार्य समिति में 11 सदस्य मनोनीत करता है। लेकिन, 10 सदस्यों का चुनाव होना चाहिए। बताया जा रहा है कि इस पर अंबिका सोनी ने कहा- अभी चुनाव करवाने की जरूरत ही क्या है, जब अगले साल पांच साल के लिए पार्टी के चुनाव होने ही हैं। जानकार सूत्रों का कहना है इस बात पर सोनिया गांधी ने दखल दिया और अंबिका सोनी को चुप कराया।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बेहद तल्ख तेवर दिखाए और हर पद के लिए चुनाव कराने की मांग करने वाले नेताओं को निशाना बनाते हुए कहा- हम सबको मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, कार्य समिति का सदस्य पार्टी ने बनाया। कभी भी चुनाव के जरिए कोई पद नहीं मिला, लेकिन आज बहुत से लोग चुनाव की बात कर रहे हैं। लोग सोनिया जी और राहुल जी की लीडरशिप पर सवाल उठा रहे हैं। इस पर नाराज होते हुए आनंद शर्मा ने कहा- नेतृत्व ने मामला सुलझा दिया है। हमने कभी सोनिया गांधी या राहुल को लेकर कुछ नहीं कहा। बताया जा रहा है कि अंत में राहुल गांधी ने दखल दिया और कहा कि वे गहलोत और आनंद शर्मा दोनों की बात का आदर करते हैं। उन्होंने कहा- संगठन के चुनाव करवा कर इस मुद्दे को हमेशा के लिए खत्म कर देना चाहिए, ताकि देश के बाकी अहम मुद्दों पर काम किया जा सके।