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कांग्रेस ने निकाला संविधान बचाओ मार्च

ByNI Desk,
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कांग्रेस ने निकाला संविधान बचाओ मार्च
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने 28 दिसंबर को अपने स्थापना दिवस के मौके पर देश भर में  संविधान बचाओ मार्च निकाला। नागरिकता कानून और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का विरोध करते हुए कांग्रेस के तमाम आला नेताओं ने इस मार्च में हिस्सा लिया। कांग्रेस ने पहली बार नागरिकता कानून के विरोध में इतना बड़ा कार्यक्रम किया। पार्टी ने अपने सारे मुख्यमंत्रियों को भी मार्च के लिए सड़क उतारा। कांग्रेस ने अपने स्थापना दिवस के मौके पर ट्विट करके यह भी कहा कि उसके लिए भारत सबसे पहले है। दिल्ली से लेकर मुंबई, असम से केरल और गुजरात से लेकर बिहार तक पार्टी ने इस मार्च के साथ संविधान की मूल प्रस्तावना का पाठ किया और केंद्र सरकार को साफ संदेश दे दिया कि नागरिकता कानून के खिलाफ कांग्रेस का विरोधी आंदोलन अभी थमेगा नहीं। कांग्रेस के संविधान बचाओ मार्च का दिल्ली में खुद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नेतृत्व किया तो असम में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और लखनऊ में महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस विरोध का नेतृत्व किया। कांग्रेस मुख्यालय 24, अकबर रोड पर शनिवार सुबह सोनिया गांधी ने स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी का झंडा फहराया। इस दौरान राहुल गांधी सहित पार्टी के तमाम बड़े नेता मौजूद थे। दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा के नेतृत्व में करीब तीन किलोमीटर लंबा मार्च राजघाट तक निकाला गया। स्थापना दिवस के कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अहमद पटेल सहित तमाम बड़े नेता मौजूद थे। लखनऊ में प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रदेश कांग्रेस के दफ्तर में नागरिकता कानून और एनआरसी पर पार्टी के विरोध को आगे बढ़ाते हुए नेताओं से संविधान की प्रस्तावना का पाठ कराया। प्रदेश में लगी धारा 144 के कारण प्रियंका की अगुआई में कांग्रेस के मार्च को निकालने की प्रशासन ने इजाजत नहीं दी। कांग्रेस शासित राज्यों में मुख्यमंत्रियों ने संविधान बचाओ मार्च का नेतृत्व किया। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, मध्य प्रदेश में कमलनाथ, छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुड्डुचेरी में मुख्यमंत्री नारायणसामी ने कांग्रेस का संविधान मार्च निकाला।
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