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कोरोना: अंतिम संस्कार का संकट, शवों को दूसरे शहर भेजने की नौबत

ByNI Desk,
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कोरोना: अंतिम संस्कार का संकट, शवों को दूसरे शहर भेजने की नौबत
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और संक्रमितों की मौतों में तेजी से हो रही बढ़ोतरी के कारण देश के कई हिस्सों में अंतिम संस्कार का काम संकट में पड़ गया है। गुजरात के सूरत से लेकर मध्य प्रदेश के जबलपुर और झारखंड की राजधानी रांची तक लोगों को एक जैसे संकट का सामना करना पड़ रहा है। कई शहरों में अंतिम संस्कार के लिए लंबी लाइन लगी हुई है और लोगों को कई कई घंटे इंतजार करना पड़ रहा है। सूरत में तो शवों को दूसरे शहर भेजने की नौबत आ गई है। सूरत के श्मशान घाटों पर चौबीसों घंटे शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। वहां चिताओं की गर्मी से भट्‌ठियों की चिमनियां तक पिघल गई हैं। एक दिन में एक-एक सौ शव अंतिम संस्कार के लिए लाए जा रहे हैं। हालांकि आधिकारिक रूप से पूरे गुजरात में 50-60 से ज्यादा लोगों की मौत नहीं बताई जा रही है। सूरत में कोरोना से मरने वालों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी को देखते हुए तापी नदी के तट पर कैलाश मोक्षधाम को फिर से शुरू कर दिया गया है। यह पिछले 14 साल से बंद था। श्मशानों में कई घंटों की वेटिंग चल रही है और इसी के चलते अब आसपास के शहरों में शव भेजे जा रहे हैं। उधर मध्य प्रदेश में कोरोना की रफ्तार काबू नहीं हो रही है। सरकार ने भोपाल के बाद ग्वालियर में भी सात दिन का लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है। राज्य में मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में बेड्स और दूसरी चिकित्सा सुविधाएं खत्म होती जा रही हैं। खबर है कि इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। चिताएं ठंडी होने से पहले ही दूसरे शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में भी कोरोना से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे में 107 लोगों की मौत हुई है। राज्य में संक्रमितों की संख्या कई दिनों से बढ़ रही थी, लेकिन एक दिन में  एक सौ से ज्यादा मौतें नहीं हुई थीं। राज्य में हालात बिगड़ने की वजह से मंगलवार को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में लॉकडाउन लगाने का फैसला किया गया है। 28 जिले वाले छत्तीसगढ़ में अब तक 17 जिलों में लॉकडाउन का ऐलान किया जा चुका है। राजस्थान में आठ अप्रैल से संक्रमण के नए मामले का लगातार नया रिकार्ड बन रहा है। अप्रैल में संक्रमण के मामले चार गुना तेजी से बढ़े हैं और इसी अवधि में ठीक होने वाले मरीजों की दर 96.55 फीसदी से गिर कर 89.34 फीसदी पर पहुंच गया है। 12 दिन में इसमें 7.21 फीसदी गिरावट आई है। एक्टिव केस भी अब पहली लहर के मुकाबले ज्यादा हो गए हैं। पिछले साल नवंबर में जब कोरोना सबसे पीक पर था, तब भी पूरे राज्य में 29 हजार से ज्यादा एक्टिव केस नहीं थे। इस बार यह बढ़ कर 36 हजार के पार चले गए हैं।
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