नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस को रोकने के लिए पूरे देश में एक साथ टीका लगाने का काम शनिवार को शुरू हो गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि पहले दिन साढ़े 33 सौ केंद्रों पर एक लाख 91 हजार लोगों को टीका लगाया गया। हालांकि पहले दिन तीन लाख स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन उस लक्ष्य में सिर्फ 60 फीसदी लोगों को ही पहले दिन टीका लगाया जा सका। गौरतलब है कि भारत सरकार ने टीकाकरण अभियान शुरू करने से पहले पूरे देश में दो बार मॉक ड्रिल की थी। बहरहाल, उम्मीद की जा रही है कि दूसरे दिन से टीका लगाने की रफ्तार बढ़ेगी।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पहले कहा था कि 3,006 जगहों पर तीन लाख 15 हजार लोगों को टीका लगेगा। लेकिन शनिवार शाम को सरकार ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि वैक्सीन की साइट्स बढ़ा कर 3,351 कर दिया गया था, लेकिन प्रेस कांफ्रेंस किए जाने के समय तक वहां एक लाख 65 हजार से कुछ ज्यादा लोगों को ही टीका लगाया जा सका। देर शाम करीब आठ बजे आए आंकड़ों के मुताबिक पहले दिन एक लाख 91 हजार लोगों को टीका दिया गया।
सरकार ने पहले दिन शाम साढ़े पांच बजे प्रेस कांफ्रेंस के समय तक का जो आंकड़ा बताया, वह टारगेट के मुकाबले 53 फीसदी ही था। बाद में अपडेट हुए डाटा में यह करीब 60 फीसदी हो गया। गौरतलब है कि एक सेंटर पर एक सत्र में सिर्फ एक सौ लोगों को वैक्सीन लगनी है। इस हिसाब से 3,351 जगहों पर पहले दिन तीन लाख 35 हजार लोगों को टीका लग सकता था। सरकार ने यह भी बताया कि पहले दिन कुछ जगहों पर लाभार्थियों की सूची अपलोड होने में देरी हुई। कुछ जगहों पर ऐसा भी हुआ कि जिन स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई गई, उनको पहले दिन वैक्सीन नहीं लगनी थी।
मोदी ने नम आंखों से शुरू किया अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टीकाकरण अभियान की शुरुआत करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि सैकड़ों साथी कोरोना की वजह से लौट कर नहीं आए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगा कर्ज उतार रहे हैं। उन्होंने टीकाकरण से जुड़ी कुछ नसीहतें भी लोगों को दीं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के दोनों डोज लगाने जरूरी हैं। प्रधानमंत्री ने लोगों से सावधानी बरतने की भी अपील की।
शनिवार को पूरे देश में एक साथ कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक हो गए। कोरोना काल के मुश्किल वक्त को याद कर उनकी आंखें नम हो गईं और गला भर आया। उन्होंने कहा- जो हमें छोड़कर चले गए, उन्हें वैसी विदाई भी नहीं मिल सकी, जिसके वे हकदार थे। मन उदास हो जाता है, लेकिन साथियों संकट के उस वातावरण में निराशा के वातावरण में कोई आशा का भी संचार कर रहा था। हमें बचाने के लिए अपने प्राणों को संकट में डाल रहा था।
प्रधानमंत्री ने कहा- हमारे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस, आशा वर्कर्स, सफाई कर्मचारियों ने अपने दायित्व को निभाया। अपने परिवार से दूर रहे। कई-कई दिन तक घर नहीं गए। सैकड़ों साथी ऐसे भी हैं कि जो कभी घर वापस लौट कर नहीं आ पाए। उन्होंने एक-एक जीवन को बचाने के लिए अपना जीवन आहूत कर दिया। मोदी ने कहा- इसलिए कोरोना का पहला टीका स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों को लगाकर एक तरह से समाज अपना ऋण चुका रहा है। यह कृतज्ञ राष्ट्र की उनके लिए आदरांजलि भी है।
मोदी ने टीकाकरण अभियान की शुरुआत करते हुए कहा- साथियों मानव इतिहास में कई आपदाएं आईं, युद्ध हुए, लेकिन कोरोना ऐसी महामारी थी, जिसका अनुभव न तो साइंस को था, न सोसायटी को था। जो खबरें आ रही थीं, वह पूरी दुनिया के साथ-साथ हर भारतीय को विचलित कर रही थीं। ऐसे हालात में दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स भारत को लेकर तमाम आशंकाएं जता रहे थे। भारत की बहुत बड़ी आबादी को कमजोरी बताया जा रहा था, लेकिन हमने उसे अपनी ताकत बना लिया। उन्होंने यह दावा भी किया भारत सबसे पहले एलर्ट हुआ और उच्चस्तरीय समिति बनाई।
कांग्रेस और सरकार में जुबानी जंग
कोराना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए लगाई जा रही भारत बायोटेक की वैक्सीन को लेकर कांग्रेस ने पहले भी सवाल उठाए थे और टीकाकरण के पहले दिन भी कांग्रेस ने इसे लेकर सवाल उठाया है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि तीसरे चरण के परीक्षण के बिना ही वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी गई। कांग्रेस ने सवालिया लहजे में कहा- अगर वैक्सीन इतनी ही भरोसेमंद है, तो सरकार से जुड़े लोग इसका डोज क्यों नहीं लगवा रहे?
दूसरी ओर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने वैक्सीनेशन ड्राइव की शुरुआत होने के बाद कहा कि यह कोरोना के खिलाफ संजीवनी का काम करेगा। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों पर भरोसा रखें। हर्षवर्धन ने कहा- आज का दिन ऐतिहासिक है। पहले भारत ने पोलियो और चेचक के खिलाफ जंग जीती थी और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत कोरोना की जंग भी जीतेगा। उन्होंने कहा कि भारत एक साल से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है और सबसे पहले एलर्ट होकर सबसे अच्छी व्यवस्था बनाई।
इसके उलट कांग्रेस ने वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र पर सवाल उठा। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा- दुनिया के हर देश, जहां वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है, वहां नेताओं ने टीका लगवाया। अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन और निर्वाचित उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी वैक्सीन लगवाई। ब्रिटेन में क्वीन एलिजाबेथ और प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी वैक्सीन लगवाई। ऐसा इसलिए ताकि वे अपने लोगों में वैक्सीन के प्रति भरोसा जगा सकें। फिर हमारे यहां क्यों सरकार ऐसा नहीं कर रही?
पहले दिन नहीं पूरा हुआ लक्ष्य!
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