नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के लिए जीवनरक्षक का काम कर रही रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमत तय कर दी है। सरकार ने एक इंजेक्शन की कीमत साढ़े तीन हजार तय की है। गौरतलब है कि पूरे देश में इस इंजेक्शन की कमी हो गई है और कई जगह कालाबाजारी की खबर मिली है। इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने गुजरात से इंजेक्शन मंगाने का निर्देश दिया है। बहरहाल, केंद्र सरकार ने इसकी कमी को दूर करने के लिए बुधवार को दो अहम फैसले किए।
केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि इस हफ्ते से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमत साढ़े तीन हजार रुपए हो जाएगी। इतना ही नहीं अप्रैल के आखिर से इनका उत्पादन भी दोगुना हो जाएगा। इसके लिए छह और कंपनियों को इसके उत्पादन की मंजूरी दे दी गई है। फिलहाल, देश में हर महीने 38.80 लाख इंजेक्शन तैयार किए जा रहे हैं। इस महीने के आखिर तक करीब 80 लाख इंजेक्शन तैयार होंगे। देश के कई राज्यों में इसे मनमानी कीमत में बेचे जाने की शिकायतों के बाद रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने कीमत तय करने का फैसला किया।
केंद्रीय मनसुख मंडाविया ने 12-13 अप्रैल को रेमडेसिविर बनानी वाली कंपनियों के साथ एक बैठक की थी, जिसमें इसकी उपलब्धता, उत्पादन, आपूर्ति बढ़ाने और कीमतें कम करने के बारे में बात की गई। मंत्रालय के मुताबिक, रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली कंपनियों ने तय किया है कि इनकी कीमत साढ़े तीन हजार रुपए से ज्यादा नहीं होगी। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी यानी एनपीपीए ने यह फैसला किया। एनपीपीए ही अब देश भर में इसकी उपलब्धता की निगरानी करेगी। मंत्रालय के मुताबिक, देश में इस वक्त रेमडेसिविर इंजेक्शन के कुल सात निर्माता हैं। अब छह और कंपनियों को इसके उत्पादन की मंजूरी दी गई है। इससे 10 लाख इंजेक्शन हर महीने और बनाए जा सकेंगे।