समाचार मुख्य

Corona Virus & Election : चुनावी रैलियों में मास्क के मुद्दे पर केंद्र और आयोग को नोटिस

ByNI Desk,
Share
Corona Virus & Election : चुनावी रैलियों में मास्क के मुद्दे पर केंद्र और आयोग को नोटिस
नई दिल्ली। चुनावी रैलियों में शामिल होने वाले लोगों के लिए मास्क अनिवार्य करने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। इस याचिका में कहा गया है कि सड़क पर चलते आम लोगों को मास्क नहीं पहनने के लिए रोका जा रहा है और जुर्माना लगाया जा रहा है, जबकि चुनावी रैलियों में हजारों लोग एक साथ बिना मास्क के शामिल हो रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अपनी गाड़ी में बैठे अकेले व्यक्ति को भी मास्क लगाना होगा। इसे भी पढ़ें :  कोरोना | कई राज्यों में नई पाबंदियां बहरहाल, दिल्ली हाई कोर्ट ने राज्यों में चल रहे चुनावों के दौरान हो रहे प्रचार में शामिल हर व्यक्ति के लिए मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य बनाने के अनुरोध को लेकर दायर याचिका पर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को गुरुवार को नोटिस जारी किया और जवाब मांगा। चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ ने उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी और थिंक टैंक सेंटर फॉर अकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टमिक चेंज के प्रमुख विक्रम सिंह की याचिका पर केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगा है। इसे भी पढ़ें : मास्क पर केंद्र और आयोग को नोटिस अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 30 अप्रैल को तय की है जब वह विक्रम सिंह की मुख्य याचिका पर भी सुनवाई करेगी। मुख्य याचिका में उन्होंने ऐसे प्रचारकों व प्रत्याशियों को विधानसभा चुनावों में प्रचार से रोकने का अनुरोध किया है जो कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर चुनाव आयोग की ओर से जारी आवश्यक दिशा-निर्देशों का बार-बार उल्लंघन कर रहे हैं। हालांकि 30 अप्रैल तक सभी राज्यों में चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी होगी। बहरहाल, विक्रम सिंह की तरफ से पेश हुए वकील विराग गुप्ता ने पीठ को बताया कि चुनाव आयोग को विधानसभा चुनावों के दौरान शारीरिक दूरी और अनिवार्य रूप से मास्क पहनने के लिए डिजिटल, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से जागरुकता पैदा करनी चाहिए। गुप्ता नेकहा- जब मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य करने पर सभी अधिकारी एकमत हैं तो यह तर्क से परे है कि इस नियम को चुनाव प्रचार के दौरान क्यों नहीं लागू किया जाना चाहिए।
Published

और पढ़ें