नई दिल्ली। संशोधित नागरिकता कानून, सीएए के विरोध में राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे धरने को हटाने की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट विचार नहीं करेगी। हाई कोर्ट शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।
याचिका में कहा गया था कि प्रदर्शनकारियों की वजह से सड़कें बंद हैं, जिसकी वजह से डीएनडी मार्ग पर यातायात बाधित हो रहा है। हाथ से लिखे पत्र के रूप में दिए गए आवेदन का जिक्र चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी हरिशंकर की पीठ के सामने किया गया, जिसने इस पर विचार करने से इनकार कर दिया।
तुषार सहदेव और रमन कालरा की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया कि दिल्ली से उत्तर प्रदेश, दिल्ली से उत्तराखंड, दिल्ली से नोएडा अस्पतालों, आश्रम और बदरपुर तक के रास्ते इस प्रदर्शन के कारण इस्तेमाल में नहीं हैं क्योंकि शाहीन बाग के आसपास की सड़कें बंद हैं और ट्रैफिक डाइवर्ट कर डीएनडी फ्लाईओवर की तरफ कर दिया गया है। पत्र में कहा गया था कि लाखों लोग सड़कें बंद होने के कारण परेशान हैं और यह आपात स्थिति में फंसे लोगों के लिए भी एक समस्या है।
इस याचिका में यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि इन प्रदर्शनों को अधिकृत प्रदर्शन इलाकों में करने के लिए कहा जाए और वह भी बिना संपत्ति को नुकसान पहुंचाए। अदालत से अपील की गई थी कि वह लोगों के लिए मार्गों के इस्तेमाल को सुगम बनाने के लिए अवरोधकों को हटाने का निर्देश दे। सीएए और एनआरसी के विरोध में महिलाओं व बच्चों सहित हजारों लोग शाहीन बाग और पास के जामिया मिलिया इस्लामिया में प्रदर्शन कर रहे हैं।