नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के अधिकारों में कटौती का बिल लाने के बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को एक और झटका दिया है। केंद्र ने दिल्ली में 25 मार्च से शुरू होने जा रही घर-घर राशन योजना पर रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सीमापुरी इलाके से इस योजना की शुरुआत करने वाले थे। उद्घाटन के दिन एक सौ परिवारों को राशन बांटा जाना था।
योजना शुरू होने से पहले केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली सरकार के खाद्य आपूर्ति सचिव को चिट्ठी लिख कर कहा गया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत केंद्र सरकार राज्यों को राशन देती है। इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता। इसलिए योजना को शुरू न किया जाए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस बार अपने चुनावी घोषणापत्र में घर-घर राशन पहुंचाने की दिल्ली सरकार की योजना की तर्ज पर दुआरे सरकार योजना शुरू करने का वादा किया है।
बहरहाल, घर-घर राशन योजना को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार टेंडर भी जारी कर दिए थे। केंद्र की ओर इस योजना पर रोक के बाद आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर राशन माफिया को शह देने का आरोप लगाया है। आप ने सोशल मीडिया पर राशन माफिया के दबाव में स्कीम रोकने की बात कही है। इससे पहले दिल्ली के उप राज्यपाल को ही दिल्ली सरकार बनाने का एक बिल 15 मार्च को संसद में पेश किया गया। इससे दिल्ली सरकार के अधिकारों में बड़ी कटौती हो जाएगी।
इसे लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया के जरिए केंद्र सरकार पर हमला किया था। केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली सरकार की ताकतों को छीनना चाहती है। दूसरी ओर भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना ने सोशल मीडिया अदालत के हवाले से जबाव देते हुए कहा था कि दिल्ली का असली मालिक उप राज्यपाल है।
घर-घर राशन पहुंचाने की योजना केंद्र ने रोकी
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