
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त व गृह मंत्री पी चिदंबरम व उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को मिली अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए प्रवर्तन निदेशालय, ईडी ने हाई कोर्ट में याचिका दी है। गुरुवार को ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चिदंबरम पिता-पुत्र को मिली अग्रिम जमानत रद्द करने को कहा। ईडी की अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई होने की संभावना है।
ईडी ने विशेष अदालत के पांच सितंबर के आदेश को चुनौती दी है। विशेष अदालत ने 74 साल के चिदंबरम और उनके बेटे को अग्रिम जमानत दे दी थी। गौरतलब है कि सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 21 अगस्त को चिदंबरम को गिरफ्तार किया था और तब से वे जेल में हैं। निचली अदालत ने सीबीआई की ओर से दायर एयरसेल-मैक्सिस मामले में भी पिता-पुत्र को अग्रिम जमानत दे दी थी। एयरसेल-मैक्सिस मामले में चिदंबरम और उनके बेटे को आरोपी बनाने से पहले एक विशेष अदालत ने दो फरवरी 2017 को डीएमके नेता व पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन और अन्य को सीबीआई और ईडी की ओर से दायर मामलों में आरोपमुक्त कर दिया था। बाद में, दोनों एजेंसियों ने घोटाले में चिदंबरम पिता-पुत्र का नाम लेते हुए पूरक आरोपपत्र दायर किया था।
इस मामले चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए के एयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड, एफआईपीबी मंजूरी देने में कथित गड़बड़ी से जुड़े हैं। सीबीआई इस बारे में जांच कर रही है कि 2006 में वित्त मंत्री रहने के दौरान चिदंबरम ने एक विदेशी कंपनी को एफआईपीबी मंजूरी कैसे दे दी, जबकि यह काम आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ही कर सकती थी। ईडी एयरसेल-मैक्सिस मामले में धनशोधन मामले की जांच कर रहा है, जिसमें चिदंबरम पिता-पुत्र से एजेंसी द्वारा पूछताछ की गई है।