नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमा पर लगातार बढ़ते किसानों के जमावड़े और किसान आंदोलन को मिल रहे समर्थन से परेशान केंद्र सरकार जल्दी से जल्दी इस विवाद को सुलझाने की योजना पर काम कर रही है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के सामने पिछले साढ़े छह साल में पहली बार इस किस्म का विवाद आया है। इसे सुलझाने के लिए पिछले दो दिन में कम से कम तीन बार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों की बैठक हो चुकी है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर मंगलवार को लगातार दूसरे दिन मीटिंग हुई, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ साथ गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद थे। इस बैठक का महत्व इससे समझा जा सकता है कि इसमें शामिल होने के लिए अमित शाह सीना सुरक्षा बल, बीएसएफ के राइजिंग डे इवेंट में नहीं गए।
केंद्र सरकार पहले कह रही थी कि वह किसानों से तीन दिसंबर को बातचीत करेगी या किसान पहले बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में पहुंचें तभी बात होगी। लेकिन सोमवार को सरकार ने यह जिद छोड़ दी और एक दिसंबर दोपहर बाद तीन बजे करीब तीन दर्जन किसान नेताओं को बातचीत का न्योता भेजा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इस बैठक में शामिल हुए। इससे भी सरकार की गंभीरता जाहिर हुई है।