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अभी बातचीत की संभावना नहीं

ByNI Desk,
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अभी बातचीत की संभावना नहीं
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में आंदोल कर रहे किसानों की केंद्र सरकार के साथ अभी बातचीत शुरू होने की संभावना नहीं है। दोनों पक्षों ने वार्ता के लिए अपनी अपनी शर्तें रख दी हैं। किसान संगठनों ने कहा है कि जब तक किसानों को परेशान व बदनाम करना बंद नहीं किया जाता है और गिरफ्तार किसानों को रिहा नहीं किया जाता है, वे बात नहीं करेंगे। दूसरी ओर सरकार ने भी साफ कर दिया है कि किसानों को सरकार की ओर से दिए गए प्रस्ताव पर अपनी राय बतानी है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अनौपचारिक बातचीत होने से भी इनकार किया है। उन्होंने बुधवार को कहा कि केंद्र किसानों के साथ कोई अनौपचारिक बात नहीं कर रहा है। उन्‍होंने आंदोलन की जगह पर और अधिक बैरिकेड्स लगाने और इंटरनेट सेवा निलंबित करने के बारे में कहा कि यह स्थानीय प्रशासन से संबंधित कानून व्यवस्था का मुद्दा है। गौरतलब है कि केंद्र और किसानों के बीच 22 जनवरी को आखिरी वार्ता हुई थी, जो बेनतीजा रही थी। केंद्र सरकार ने किसान संगठनों से डेढ़ साल के लिए कृषि कानूनों को निलंबित करने के सरकार के प्रस्ताव पर फिर से विचार करने के लिए कहा था। बहरहाल, अगले दौर की वार्ता और अनौपचारिक बातचीत के बारे में पूछे जाने पर तोमर ने कहा कि अभी कोई अनौपचारिक बातचीत नहीं हो रही है और जब औपचारिक वार्ता होगी तो मीडिया को बता दिया जाएगा। किसानों की रिहाई के मामले में तोमर ने कहा- किसान नेताओं को दिल्‍ली पुलिस कमिश्‍नर से बात करनी चाहिए। मैं कानून और व्यवस्था के मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। यह मेरा काम नहीं है। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था- हम आम सहमति तक नहीं पहुंचे हैं, लेकिन हम आपको प्रस्ताव दे रहे हैं। वह किसी भी वक्त उनके लिए फोन पर भी मौजूद रहेंगे। बातचीत फिर से शुरू करने के लिए किसान नेताओं को कृषि मंत्री को बस एक फोन करना है। उन्होंने यह भी कहा था कि किसान संगठनों के लिए वह प्रस्ताव अभी भी हाजिर है, जिसके तहत यह कहा गया था कि सरकार डेढ़ साल के लिए कृषि कानूनों पर अमल रोकने को तैयार है।
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