नई दिल्ली। किसानों ने गुरुवार को एक बार फिर दिल्ली की सीमा पर डेरा डाला। हजारों की संख्या में किसान संसद मार्च के लिए दिल्ली कूच कर रहे थे लेकिन सीमा बंद करके किसानों को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रोका गया। इस वजह से दिल्ली की सीमा सहित कई इलाकों में दिन भर जाम लगा रहा। असल में उत्तर प्रदेश के किसानों संगठनों ने दिसंबर 2023 से नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की ओर से अधिग्रहित अपनी जमीनों के बदले बढ़ा हुआ मुआवजा और भूखंड देने की मांग को लेकर सात फरवरी को विरोध प्रदर्शन किया था।
आठ फरवरी यानी गुरुवार को किसानों का प्रदर्शन तेज हो गया। नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों ने दिल्ली की तरफ कूच किया। किसानों ने संसद का घेराव करके अपनी मांगे रखने का ऐलान किया था। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश से लगती दिल्ली की सीमा पर सुरक्षा के भारी बंदोबस्त किए गए थे। किसानों के आंदोलन को देखते हुए नोएडा एक्सप्रेस वे बंद कर दिया गया था। हालांकि बाद में किसान सीमा से हट गए। प्रशासन के अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद उन्होंने प्राधिकरण को सात दिन का समय दिया।
गौरतलब है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, एनटीपीसी और एक निजी बिल्डर के खिलाफ नोएडा के किसान पिछले दो दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके साथ तीन किसान संगठन भी हैं। किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए सात फरवरी को किसान महापंचायत बुलाई थी और आठ फरवरी को संसद तक विरोध मार्च निकालने का ऐलान किया गया था।
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए गुरुवार को कई जगह किसानों को रोका गया। पुलिस के साथ किसानों की कई जगह झड़प हुई। ट्रैक्टर-ट्रॉली और पैदल ही दिल्ली की तरफ बढ़ रहे कुछ किसानों को हिरासत में भी लिया गया। चिल्ला बॉर्डर से पहले प्रेरणा स्थल के पास सड़क पर गाड़ियां लगाकर किसानों को रोके जाने की खबर भी आई। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर धारा 144 लागू कर दिया था। पुलिस ने बैरिकेडिंग के साथ साथ सीमेंट ब्लॉक भी रखे थे।