झुंझुनू। केंद्र सरकार के बनाए तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 97 दिन से आंदोलन कर रहे किसान नेताओं ने देश भर के राज्यों में महापंचायत कर किसानों को आंदोलन से जोड़ना शुरू किया है। इस सिलसिले में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मंगलवार को राजस्थान के झुंझुनू में महापंचायत की और किसानों से दिल्ली चलने की अपील की। उन्होंने किसानों से कहा कि वे अपना अनाज ट्रैक्टर में भर कर दिल्ली चलें। उन्होंने केंद्र सरकार को लुटेरा बताते हुए कहा कि इन्हें भगाना पड़ेगा।
झुंझुनूं के कर्बला मैदान में आयोजित किसान महापंचायत में टिकैट ने कहा- राजस्थान का गेहूं सबसे पहले मार्केट में आएगा। सरकार को आपको एमएसपी देनी होगी। अगर आपको एमएसपी नहीं मिले तो अपना गेहूं भर कर दिल्ली पहुंच जाओ। उन्होंने कहा- अगर दिल्ली में कोई किसान को रोकता है तो उसे एमएसपी पर वो गेहूं खरीदना पड़ेगा। टिकैत ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसान देश में कहीं भी अनाज बेच सकते हैं। ऐसा थोड़ी न कहा है कि दिल्ली में नहीं बेच सकते हैं। दिल्ली की मंडी सबसे बढ़िया है। सभी अपना अनाज भरकर दिल्ली चलो। पार्लियामेंट से पहले कोई रोके तो उसे ही एमएसपी पर खरीदना पड़ेगा।
किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए टिकैत ने कहा- दिल्ली में लड़ाई चल रही है। अब लड़ाई यहां भी शुरू करनी पड़ेगी। सीधी बात है जो तीनों कानून लेकर आए हैं। उसे रद्द कर दो और एमएसपी पर कानून बना दो। टिकैत ने मंगलवार को किसानों से कहा- कल आगरा में किसान गेहूं मंडी में लेकर गया। वहां व्यापारियों ने 16 सौ रुपए क्विंटल खरीदने की बात कही। उसने कहा कि एमएसपी का रेट है 1975 रुपए है। उससे कम पर नहीं बेचूंगा। साथ ही मंडी भी नहीं चलने दूंगा। उन्होंने बताया कि सारे अधिकारी मौके पर पहुंचे और उसका गेहूं 1975 में गेंहू बिका।
राकेश टिकैत ने किसानों को ललकारते हुए कहा- झुंझुनू तो क्रांतिकारियों का जिला है। कई शहीद हुए, जिन्होंने सामंतवादी व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन चलाया। आपको निकलना पड़ेगा। ये मोर्चे बंदी तोड़नी पड़ेगी, नहीं तो दिल्ली सरकार सुनने वाली नहीं है। उन्होंने कहा- अबकी बार भी मोर्चा बंदी नहीं टूटी। अबकी बार भी एमएसपी नहीं मिली तो बच्चे हमें माफ नहीं करेंगे। अगर आंदोलन फेल हुआ तो देश का किसान फेल होगा।