नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों की ट्रैक्टर रैली में पुलिस और आंदोलनकारी किसानों के बीच हुई झड़प के एक दिन बाद बुधवार को किसान संगठनों ने प्रेस कांफ्रेंस करके अपना पक्ष रखा। किसानों ने आरोप लगाया कि उनके आंदोलन को बदनाम करने के लिए साजिश रची गई थी। किसानों ने कहा कि उनकी लाल किले तक जाने की कोई योजना नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि किसी किसानों को जिस रूट पर रैली निकालने की इजाजत दी गई थी उन पर बैरिकेड्स लगाए गए थे और दिल्ली जाने का रास्ता खुला रखा गया था। इस बीच किसान संगठनों ने एक फरवरी को प्रस्तावित संसद मार्च भी टाल दिया है।
इस बीच दो किसान संगठन मौका देख कर किसानों के आंदोलन से अलग हो गए हैं। उन्होंने ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई झड़प को बहाना बनाया है। भारतीय किसान यूनियन भानु गुट और अखिल भारतीय किसान संघर्ष सहयोग समिति ने अपने को आंदोलन से अलग कर लिया है। गौरतलब है कि भारतीय किसान यूनियन के भानु गुट ने ही आंदोलन कर रहे संगठनों की मर्जी के बगैर सुप्रीम कोर्ट में सबसे पहले याचिका दी थी। इसे लेकर पहले से ही किसान संगठन आशंकित थे।
बहरहाल, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को किसान संगठनों का पक्ष रखते हुए कहा- लाल किले पर जाने की हमारी कोई योजना नहीं थी और न ही कोई हमारी कोई झंडा फहराने की योजना थी, जिसने झंडा फहराने की कोशिश की उसका इलाज करो। तिरंगे का कोई अपमान नहीं कर सकता। लाल किले पर सिखों के धार्मिक प्रतीक निशान साहेब का झंडा फहराने को लेकर उन्होंने कहा- धार्मिक झंडा फहराने की कोशिश की, सिखों को भारत से अलग करने की कोशिश की, उसके खिलाफ कार्रवाई करें, ये एक बड़ा षडयंत्र था, जिसे किसानों और पुलिस की सूझ-बूझ से नाकाम बनाया गया।
टिकैत ने दावा किया कि पांच बजे तक किसान दिल्ली खाली करके जा चुके थे। उन्होंने कहा- रात को भी हमने पुलिस को कुछ लोगों को सौंपा, जिन्होंने पुलिस वालों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की थी। उन्हें ये आंदोलन और स्थान छोड़ना पड़ेगा। उनके खिलाफ कार्रवाई करवाएंगे। टिकैत ने साथ ही कहा कि इसकी भी जांच होनी चाहिए कि जो रूट पुलिस ने दिया उस पर बैरिकेड्स लगेंगे और दिल्ली जाने वाला रास्ता खुला होगा, ये साजिश किसने रची। उन्होंने कहा- दिल्ली में किसानों को किसने जाने दिया, इसकी पूरी जांच होनी चाहिए।
किसान नेता ने कहा कि बस तोड़े जाने की खबर सबने दिखाई पर कितने किसानों के ट्रैक्टर तोड़े गए, ये नहीं दिखाया गया। उन्होंने कहा- करीब चार सौ ट्रैक्टर-गाड़ियां तोड़ी गईं। भारतीय सिख संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसबीर सिंह विर्क ने कहा- जो रास्ता दिया गया था, वहां बैरिकेड्स लगे थे। बुधार को उन्होंने कहा- कल हमने कई नए चेहरे भी देखे। शरारती तत्व जान बूझकर घुसे या घुसाए गए। जो लोग आगे थे, उनके पीछे लोग जाते गए। दिल्ली के बाहर से आए किसानों को रास्ता भी नहीं पता था।
किसानों ने लगाया साजिश का आरोप
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