
नई दिल्ली। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल को छोड़ कर बाकी पांच राज्यों में वास्तविक नतीजे लगभग वैसे ही आए, जैसे एक्जिट पोल में बताया गया था। तमिलनाडु में एमके स्टालिन के नेतृत्व में डीएमके ने शानदार जीत दर्ज की तो केरल में कम्युनिस्ट पार्टी का राज लगातार दूसरी बार लौटा। असम में भी भाजपा लगातार दूसरी बार चुनाव जीतने में कामयाब रही। पुड्डुचेरी में कांग्रेस चुनाव हार गई है और रंगास्वामी की पार्टी एनआर कांग्रेस के साथ तालमेल में भाजपा पहली बार सत्ता में आई है।
तमिलनाडु में लगातार दो चुनाव हारने के बाद एमके स्टालिन का जादू चला। करुणानिधि और जयललिता की गैरहाजिरी में हुए पहले चुनाव में स्टालिन की कमान में डीएमके गठबंधन ने 154 सीटों के साथ शानदार जीत दर्ज की। स्टालिन की पार्टी डीएमके को अकेले दम पर पूर्ण बहुमत मिला। उनकी पार्टी ने 118 सीटों के बहुमत के आंकड़े को अपने दम पर पार कर लिया। उसने अकेले 119 सीटें मिलीं और उसकी सहयोगी कांग्रेस पार्टी भी 16 सीटें जीतने में कामयाब रही। सत्तारूढ़ अन्ना डीएमके को बड़ा झटका लगा और देर रात तक नतीजों और रूझानों में वह सिर्फ 80 सीटें जीतने में कामयाब होती दिखी। तमिल और हिंदी फिल्मों के मशहूर अभिनेता कमल हसन पार्टी बना कर चुनाव में उतरे थे पर उनकी पार्टी कोई भी सीट नहीं जीत पाई।
तमिलनाडु से सटे पुड्डुचेरी में भी नतीजे अनुमान के मुताबिक आए। सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा और उसका गठबंधन सिर्फ आठ सीटें जीत पाया। इसमें डीएमके को छह और कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें मिलीं। दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री रंगास्वामी की पार्टी एनआर कांग्रेस को 10 और उसकी सहयोगी भाजपा को पांच सीटें मिलीं। 30 सीटों की विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 16 का है। विधानसभा में तीन सदस्य केंद्र सरकार द्वारा मनोनीत होते हैं। इस तरह एनआर कांग्रेस के साथ भाजपा पहली बार पुड्डुचेरी में सत्ता में आई है।
असम में भाजपा लगातार दूसरी बार सत्ता में आई है। नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी जैसे मुद्दों के बीच हुए चुनाव में भाजपा, अगप और यूपीपीएल का गठबंधन बहुमत हासिल करने में कामयाब रहा। देर रात तक रूझानों और नतीजों में भाजपा गठबंधन को 77 सीटें मिलीं, जिसमें भाजपा की अपनी सीटें 60 हैं। राज्य में बहुमत का आंकड़ा 64 सीटों का है। कांग्रेस गठबंधन को 46 सीटें मिलीं, जिसमें कांग्रेस 29 और उसकी सहयोगी एआईयूडीएफ 14 सीटों पर जीती।
केरल में हर पांच साल पर सत्ता बदलती है लेकिन इस बार केरल के लोगों ने कोरोना वायरस के बेहतर प्रबंधन को देखते हुए पिनरायी विजयन के नेतृत्व वाली लेफ्ट मोर्चे की सरकार को वापस सत्ता सौंपी। देर रात तक रूझानों और नतीजों में सीपीएम के नेतृत्व वाला लेफ्ट मोर्चा 93 सीटें हासिल करने में सफल होता दिखा। कांग्रेस गठबंधन को सिर्फ 41 सीटें मिलीं। उसे पिछली बार से पांच सीटों का नुकसान हुआ। भाजपा ने पिछली बार एक सीट जीती थी पर इस बार वह खाता नहीं खोल पाई।
राहुल गांधी ने हार कबूल की
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर हार कबूल की है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद उन्होंने माना कि नतीजे कांग्रेस के लिए अच्छे नहीं रहे। नतीजों के बाद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा- हम विनम्रता से जनमत स्वीकार करते हैं। अपने कार्यकर्ताओं और उन लाखों लोगों का शुक्रिया, जिन्होंने चुनाव मैदान में हमारा साथ दिया। हम अपनी विचारधारा का संघर्ष जारी रखेंगे। तमिलनाडु में जीत हासिल करने पर एमके स्टालिन को बधाई। राज्य की जनता ने बदलाव के लिए वोट दिया है।