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मध्य प्रदेश में आज शक्ति परीक्षण!

ByNI Political,
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मध्य प्रदेश में आज शक्ति परीक्षण!
भोपाल। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार की किस्मत का फैसला क्या सोमवार को हो जाएगा? राज्यपाल लालजी टंडन ने स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति को निर्देश दिया है कि सोमवार को विधानसभा सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद सरकार का बहुमत परीक्षण कराया जाए। पर स्पीकर प्रजापति ने रविवार को इसे लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया। फ्लोर टेस्ट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह काल्पनिक सवाल है। उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण के हवाले विधायकों की सेहत का मामला उठाया। तभी यह अंदेशा जताया जा रहा है कि जैसे की राज्यों में विधानसभा की कार्यवाही स्थगित हो गई है क्या उसी तरह मध्य प्रदेश में भी कुछ हो सकता है क्या? इस बीच राज्य से बाहर रखे गए विधायकों के लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है।  पांच दिन जयपुर में रहने के बाद कांग्रेस के 86 में से 85 विधायक रविवार को भोपाल लौट आए। एक विधायक दो दिन पहले ही भोपाल पहुंच गए थे। सभी विधायकों को होटल मैरियट में ठहराया गया है। सोमवार को फ्लोर टेस्ट होगा या नहीं, इस पर सस्पेंस है। लेकिन, रविवार शाम को डॉक्टरों की एक टीम कोराना टेस्ट के लिए इन विधायकों की स्क्रीनिंग के लिए होटल मैरियट पहुंची। तराना के विधायक महेश परमार ने कहा- हमारे कुछ साथियों का स्वास्थ्य खराब है। एक-दो विधायकों में कोरोना जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं। इससे पहले राज्य के सियासी घटनाक्रम पर स्पीकर प्रजापति ने भी रविवार को प्रेस कांफ्रेंस की। सदन में बहुमत परीक्षण के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये काल्पनिक बात है। हालांकि बार बार पूछे जाने पर उन्होंने कहा- आपको कल ही इस बारे में पता चलेगा। फैसला लेने से पहले मैं आप लोगों को नहीं बताऊंगा। कोरोना वायरस के बारे में उन्होंने कहा कि किसी भी चीज से ज्यादा जरूरी है सेहत। सभी को इसकी चिंता है। कल विधानसभा में भी हम इसके इंतजाम दिखेंगे। सेहत से ज्यादा जरूरी कोई दूसरी चीज नहीं है। प्रजापति ने कहा- मैं लोकतंत्र का संरक्षक हूं। ये आप तय कीजिए कि क्या चल रहा है। और जो लोग लोकतंत्र के संरक्षक हैं, उन्हें भी चिंता करनी चाहिए। उन्होंने कहा- मैं विधायकों को लेकर चिंतित हूं। विभिन्न माध्यमों से उनके बारे में जानकारी मिल रही है। लेकिन वे मुझसे सीधे संपर्क नहीं कर रहे। इससे पहले शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति ने सिंधिया समर्थक छह विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लिए थे। 16 पर फैसला बाकी है। इस बीच कांग्रेस के बागी 16 विधायकों ने फिर से अपना इस्तीफा स्पीकर के पास भेजा है और कहा कि वे निजी तौर पर स्पीकर के सामने हाजिर नहीं हो सकते हैं। अगर इनके इस्तीफे भी मंजूर होते हैं तो कांग्रेस के पास कुल 99 विधायकों की संख्या रह जाएगी और विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 206 हो जाएगी। बहुमत के लिए 104 का आंकड़ा जरूरी होगा, जो कि भाजपा के पास है। भाजपा नेताओं ने की तैयारी सोमवार को संभावित शक्ति परीक्षण से पहले रविवार को भाजपा नेता दिन भर सियासी भागदौड़ में लगे रहे। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और पार्टी विधायक नरोत्तम मिश्रा ने रविवार दोपहर राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। बाद में भार्गव ने कहा- विधानसभा में मतदान के लिए इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम खराब है। इसलिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाए। हम चाहते हैं कि हाथ उठा कर बहुमत परीक्षण कराया जाए। गौरतलब है कि भाजपा अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट के लिए व्हिप जारी कर  चुकी है। इस बीच दिल्ली में भाजपा नेताओं के बीच कई दौर की बैठकें हुईं। रविवार की सुबह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आवास पर ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवराज सिंह और धर्मेंद्र प्रधान ने बहुमत परीक्षण की रणनीति पर चर्चा की। इसके बाद चारों नेता सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से मिलने पहुंचे। बाद में शिवराज सिंह भाजपा विधायकों से मिलने गुड़गांव के आईटीसी ग्रैंड होटल भी गए। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा इन विधायकों को रविवार रात तक भोपाल ला सकती है। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के भोपाल लौटने पर रविवार रात या सोमवार सुबह बेंगलुरु के रिसॉर्ट में ठहरे उनके खेमे के 22 विधायक भोपाल पहुंच सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि विधायकों को शक्ति परीक्षण के लिए बेंगलुरु से सीधे विधानसभा लाया जा सकता है। सिंधिया समर्थक विधायकों ने भोपाल आने से पहले जान को खतरा बताते हुए सीआरपीएफ से सुरक्षा मांगी है। इस बीच भाजपा नेताओं ने कोरोना वायरस के बहाने विधानसभा सत्र टाले जाने की चर्चा पर कहा कि कांग्रेस सरकार डर गई है लेकिन उसका गिरना तय है।
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