नई दिल्ली। निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड के दोषियों को फांसी की सजा देने की तैयारियों के बीच दिल्ली को दहलाने वाले एक और बलात्कार कांड में अदालत का फैसला आ गया है। दिल्ली की एक पोक्सो अदालत ने पूर्वी दिल्ली में 2013 में पांच साल की बच्ची से सामूहिक बलात्कार के मामले में दो आरोपियों को शनिवार को दोषी ठहराया। दोनों की सजा पर 30 जनवरी को फैसला होगा।
अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी बताते हुए कहा कि इस मामले ने समाज की सामूहिक चेतना को झकझोर दिया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेश कुमार मल्होत्रा ने आरोपियों- मनोज साह और प्रदीप कुमार को दोषी ठहराया और कहा कि महज पांच साल की बच्ची को काफी अनैतिकता व बेहद क्रूरता बरदाश्त करनी पड़ी।
गौरतलब है कि साह और कुमार ने 15 अप्रैल 2013 को गांधीनगर इलाके में लड़की से बलात्कार किया था और उसके निजी अंगों में वस्तुएं डाल दीं। अपराध करने के बाद दोषियों ने पीड़िता को मनोज के कमरे में मृत समझ कर छोड़ दिया और वहां से फरार हो गए। बच्ची को 40 घंटे बाद 17 अप्रैल 2013 को बचाया गया। पोक्सो अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा- घटना ने समाज की सामूहिक चेतना को झकझोर डाला। हमारे समाज में छोटी बच्चियों की पूजा देवी की तरह होती है। बच्ची महज पांच साल की थी जिसे काफी अनैतिकता और बेहद क्रूरता का सामना करना पड़ा।
पीड़िता के पिता ने अपनी बेटी को न्याय मिलने पर संतोष जताया। उन्होंने कहा- हालांकि सुनवाई दो साल में पूरी हो जानी चाहिए थी लेकिन हम खुश हैं कि छह साल बाद, हमें न्याय मिल गया। अदालत ने सजा की अवधि पर जिरह की तारीख 30 जनवरी तय की। साह और कुमार को दिल्ली पुलिस ने 2013 में बिहार के मुजफ्फरपुर और दरभंगा जिलों से गिरफ्तार किया था।