नई दिल्ली। निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड मामले में फांसी की सजा पाए चारों दोषियों की फांसी एक बार फिर टल गई है। दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने चारों दोषियों को एक फरवरी की सुबह छह बजे होने वाली फांसी को अगले आदेश तक टाल दिया है। पटियाला हाउस अदालत ने ही चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी किया था और एक फरवरी की सुबह छह बजे फांसी पर लटकाने का आदेश जारी किया था।
उससे पहले अदालत ने चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी देने का आदेश दिया था। उसे टाल कर एक फरवरी का नया डेथ वारंट जारी हुआ था। अब चारों दोषियों की फांसी अगले आदेश तक टल गई है। फांसी टालने के अदालत के फैसले के बाद निर्भया की मां ने मीडिया से बात करते हुए इस पर अफसोस जाहिर किया और यह भी कहा कि दोषियों के वकीलों ने उन्हें चुनौती दी थी कि एक फरवरी को दोषियों को फांसी नहीं हो पाएगी।
बहरहाल, इस मामले में पटियाला हाउस अदालत का आदेश शुक्रवार को शाम साढ़े पांच बजे के करीब आया। अदालत की ओर से शाम को नए आदेश की कॉपी दी गई। इससे पहले निर्भया कांड के एक दोषी पवन को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पवन गुप्ता की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया। अपराध के समय नाबालिग होने की दलील खारिज करने के फैसले के खिलाफ पवन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने पांच घंटे में ही दोषी पवन की याचिका कर दी।
पवन ने शुक्रवार को सुबह पौने 11 बजे के करीब सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। इसके बाद रजिस्टरी ने इसकी सूचना चीफ जस्टिस एसए बोबड़े को दी। इसके बाद तुरंत इस याचिका को जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एएस बोपन्ना के पास विचार के लिए सूचीबद्ध किया गया। इसके बाद पीठ ने चेंबर में विचार किया और याचिका को खारिज कर दिया। उसने डेथ वारंट को रद्द करने की भी मांग की थी। दोषी पवन गुप्ता के पास अभी सुधारात्मक याचिका और दया याचिका के विकल्प बचे हैं।