जयपुर। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में किसान महापंचायत में शामिल होने के तीन दिन बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को राजस्थान के पीलीबंगा में किसान महापंचायत की। राहुल ने अपने दो दिन के दौरे की शुरुआत इस किसान महापंचायत से की। इसमें उन्होंने केंद्र सरकार के दो पसंदीदा उद्योगपतियों पर निशाना साधते हुए केंद्र पर ‘वन टू का फोर पोलिटिक्स’ करने का आरोप लगाया। इससे एक दिन पहले गुरुवार को उन्होंने लोकसभा में ‘हम दो, हमारे दो’ का जुमला बोल कर सरकार पर हमला किया था।
राहुल ने केंद्र सरकार पर क्रोनी पूंजीवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हए एक व्यक्ति, एक कंपनी का जुमला बोला और कहा कि जिस देश का खेती का धंधा 40 फीसदी आबादी में बंटा है। इनमें किसान, मजदूर, व्यापारी सब शामिल हैं, उसे यह सरकार एक व्यक्ति, एक कंपनी को सौंपना चाहती है। राहुल की सभा को किसान महापंचायत का रूप देने के लिए मंच पर कुर्सियों की जगह खाट लगवाई गई थी। राहुल गांधी ने अपने भाषण में वहीं बातें कहीं, जो उन्होंने एक दिन पहले संसद में अपने भाषण में कही थी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर तीन कृषि कानून लागू हुए तो देश के 40 फीसदी लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
राहुल ने शुक्रवार को कहा- कल मैंने पार्लियामेंट में किसानों के मुद्दे पर भाषण दिया था। नरेंद्र मोदी के लाए तीन कानूनों के लक्ष्य और इसके पीछे की सोच मैंने समझाई। आज भी मैं आपको इन तीन कानूनों के लक्ष्य और सोच के बारे में समझाना चाहता हूं। सच्चाई ये है कि कृषि सिर्फ हिंदुस्तान का ही नहीं, दुनिया का सबसे बड़ा बिजनेस है। आज इस बिजनेस को कोई एक व्यक्ति नहीं चलाता। हिंदुस्तान की 40 फीसदी जनता इस बिजनेस की भागीदार है। करोड़ों लोग इस धंधे को हिंदुस्तान के लिए चलाते हैं। इनमें किसान, मजदूर, छोटे दुकानदार, व्यापारी, आढ़तिए शामिल हैं।
कांग्रेस को किसानों का हमदर्द बताते हुए राहुल ने कहा- कांग्रेस पार्टी की कोशिश रही है कि इस धंधे को किसी एक व्यक्ति के हाथ में न जाने दें। आजादी के दिन से आज तक ये हमारा लक्ष्य रहा है कि ये जो धंधा है, ये हिंदुस्तान के 40 फीसदी लोगों का धंधा ही रहे। उदाहरण आपको दिखते हैं। अमूल कंपनी है। कांग्रेस पार्टी लाई थी। लाखों किसानों की कंपनी है। पूरे देश में दूध डिलीवर करती है।
राहुल ने कहा- पहला कानून कहता है कि कोई भी बड़ा बिजनेस देश में कहीं भी किसी भी किसान से अनलिमिटेड अनाज खरीद सकता है। अगर एक व्यक्ति पूरे देश का अनाज, सब्जी खरीदना चाहे तो खरीद सकता है। मुझे बताइए कि अगर ऐसा है तो मंडी की क्या जरूरत? पहला कानून मंडी को खत्म करने का कानून है। उन्होंने कहा- दूसरा कानून कहता है कि कोई भी उद्योगपति कितनी भी सब्जी, कितना भी अनाज, कितना भी फल कितनी भी देर के लिए स्टोर कर सकता है। आज अनाज मंडी में बिकता है। जैसे ही यह दूसरा कानून लागू होगा, हिंदुस्तान में अनलिमिटेड, बेलगाम जमाखोरी चालू हो जाएगी। तीसरा कानून कहता है कि जब हिंदुस्तान का किसान उस उद्योगपति के सामने खड़ा होगा, जब वह अपनी उपज के लिए दाम मांगेगा तो वह अदालत में नहीं जा सकेगा।
राहुल ने की किसान महापंचायत
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