नई दिल्ली। करीब ढाई महीने तक स्थगित रहने के बाद एक बार फिर भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच वार्ता हुई। पूर्वी लद्दाख में पिछले साल अप्रैल से गतिरोध चल रहा है और जून में दोनों देशों के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी, जिसके बाद से दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच आठ दौर की वार्ता हो चुकी है। रविवार को नौवें दौर की वार्ता हुई, जिसमें बताया जा रहा है कि दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों ने पूर्वी लद्दाख में टकराव वाली सभी जगहों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पर बात की है।
सूत्रों के मुताबिक सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी के चीन की ओर स्थित मोल्डो क्षेत्र में सुबह दस बजे शुरू हुई। इससे पहले, छह नवंबर को आठवें दौर की वार्ता हुई थी, जिसमें दोनों देशों ने टकराव वाली जगहों से सैनिकों को पीछे हटाने पर विस्तार से चर्चा की थी। रविवार को हुई नौवें दौर की वार्ता से पहले दोनों देशों के 10-10 हजार सैनिक पीछे हटाने की खबर आई थी। हालांकि शनिवार को खबर आई कि चीन ने फिर अपने सैनिकों का जमावड़ा बढ़ा दिया है।
बहरहाल, चीन के साथ सैन्य कमांडर स्तर की वार्त में भारत का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने की। इससे पहले भारत हर वार्ता में कहता आया है कि टकराव वाली सभी जगहों से सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और तनाव को कम करने की जिम्मेदारी चीन की है। सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता के साथ साथ भारत और चीन के बीच कूटनीतिक स्तर पर भी वार्ता हुई है लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला है। भारी ठंड के बावजूद दोनों देशों के सैनिक ऊंची चोटियों पर डटे हैं।