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कांग्रेस ने वित्त मंत्री का इस्तीफा मांगा

ByNI Desk,
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कांग्रेस ने वित्त मंत्री का इस्तीफा मांगा
नई दिल्ली। सकल घरेलू उत्पाद, जीडीपी में करीब 24 फीसदी की गिरावट के आंकड़े आने के दो दिन बाद कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का इस्तीफा मांगा। कांग्रेस ने कहा कि वित्त मंत्री खुद इस्तीफा दें या प्रधानमंत्री उनको सरकार से बरखास्त करें। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जीडीपी में भारी गिरावट और बेरोजगारी की दर में हो रही बढ़ोतरी से लग रहा है कि सरकार देश को आर्थिक आपातकाल की तरफ धकेल रही है। कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस आर्थिक तबाही के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को खुद इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्हें बरखास्त करना चाहिए। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने आगे कहा कि मौजूदा हालात में सरकार के भीतर बड़ी राजनीतिक और वित्तीय सर्जरी की जरूरत है। सुरजेवाला ने जीडीपी में गिरावट, बेरोजगारी और राज्यों को जीएसटी के बकाए से जुड़े आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा- आज देश में चारों ओर आर्थिक तबाही का घनघोर अंधेरा है। रोजी, रोटी, रोजगार खत्म हो गए हैं और धंधे, व्यवसाय व उद्योग ठप्प पड़े हैं। अर्थव्यवस्था बरबाद हो गई है तथा जीडीपी पाताल में है। देश को आर्थिक आपातकाल की ओर धकेला जा रहा है। वित्त मंत्री के कोरोना वायरस को ऐक्ट ऑफ गॉड बताने वाले बयान का जिक्र करते हुए सुरजेवाला ने कहा- छह साल से एक्ट ऑफ फ्रॉड से अर्थव्यवस्था को डुबोने वाली मोदी सरकार अब इसका जिम्मा एक्ट ऑफ गॉड यानि भगवान पर मढ़ कर अपना पीछा छुड़वाना चाहती है। सच ही है, जो भगवान को भी धोखा दे रहे हैं, वो इंसान और अर्थव्यवस्था को कहां बख्शेंगे! उन्होंने कहा कि 73 साल में पहली बार जीडीपी दर पहली तिमाही में घट कर माइनस 24 फीसदी होने का मतलब है कि देशवासियों की औसत आय धड़ाम से गिरेगी। उन्होंने दावा किया- 73 साल में पहली बार केंद्र सरकार घोषित रूप से डिफॉल्टर हो गई है। वित्त सचिव ने 11 अगस्त को संसद की वित्तीय मामलों की स्थायी समिति को साफ तौर से कहा कि भारत सरकार जीएसटी में प्रांतों का हिस्सा नहीं दे सकती व प्रांत कर्ज लेकर काम चलाएं।  उन्होंने सवालिया लहजे में कहा- देश को इस हालात में पहुंचाने के लिए क्या प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को अपने पद पर रहना चाहिए?
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