बहरहाल, भारत और पाकिस्तान के बीच बुधवार को वार्ता शुरू हुई। दोनों देशों के सैन्य अभियान के महानिदेशकों यानी डीजीएमओ के बीच बैठक हुई, जिसमें तय हुआ कि 24-25 फरवरी की रात से ही उन सभी पुराने समझौतों को फिर से अमल में लाया जाएगा, जो समय-समय पर दोनों देशों के बीच हुए हैं। हॉटलाइन पर बातचीत के दौरान संघर्षविराम उल्लंघन और कश्मीर सहित कई मुद्दों पर हुए समझौतों के बारे में चर्चा की गई।
दोनों देशों ने नियंत्रण रेखा, एलओसी के हालात की भी समीक्षा की। इसके बाद भारत और पाकिस्तान ने एक साझा बयान जारी किया है। इसमें बताया गया है कि एक हॉटलाइन कॉन्टैक्ट मैकेनिज्म तैयार किया जाएगा, जिसकी मदद से दोनों देशों के बीच समय-समय पर बातचीत होगी। संघर्षविराम उल्लंघन, सीमा पार से होने वाली फायरिंग, घुसपैठ सहित सभी मसलों को बातचीत के जरिए सुलझाने पर सहमति बनी। इसके अलावा यह भी तय हुआ कि नियमित फ्लैग मीटिंग फिर से शुरू होगी। इसके जरिए दोनों देशों के बीच पनपी गलतफहमियों को दूर किया जाएगा।
बाद में भारतीय सेना ने कहा है कि दोनों देशों की हॉटलाइन पर बातचीत के बीच जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान पहले की तरह जारी रहेगा। इसमें किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी। सेना ने यह भी बताया कि एलएसी से घुसपैठ रोकने के लिए भी अभियान जारी रहेगा। गौरतलब है कि संघर्षविराम तोड़ने के मामले में पाकिस्तान ने 2020 में पिछले 17 साल के सारे रिकार्ड तोड़ दिए। पाकिस्तान की तरफ से 2020 में 41 सौ बार से ज्यादा बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया गया। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच 2003 में संघर्षविराम उल्लंघन का समझौता हुआ था।