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Vaccine Passport: भारत वैक्सीन पासपोर्ट के खिलाफ

ByNI Desk,
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Vaccine Passport: भारत वैक्सीन पासपोर्ट के खिलाफ
नई दिल्ली। भारत सरकार ने वैक्सीन पासपोर्ट के प्रस्ताव का विरोध किया है। दुनिया के कई विकसित देशों ने यह प्रस्ताव रखा है। उन देशों में बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन लग गई है और वे किसी भी देश के व्यक्ति की अंतरराष्ट्रीय यात्रा के वैक्सीनेशन को अनिवार्य बनाने और वैक्सीन पासपोर्ट देने की बात कर रहे है। भारत ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है और कहा है कि विकासशील देशों में वैक्सीनेशन की दर बहुत धीमी है और बहुत कम लोगों को वैक्सीन लगी है, इसलिए यह नीति भेदभाव वाली हो जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने जी-सात देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक कहा कि वैक्सीन पासपोर्ट की पहल बेहद भेदभाव वाली साबित हो सकती है। सात विकसित देशों की इस बैठक में भारत को इस साल अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। बैठक में डॉ. हर्षवर्धन ने विकासशील देशों में टीकों की उपलब्धता और टीकाकरण की कम दरों के बारे में चिंता जताई और कहा कि विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में टीकाकरण के कम स्तर को ध्यान में रखते हुए यह पहल उचित नहीं है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा- हमारा मानना है कि वैक्सीन पासपोर्ट विकासशील देशों के लिए बेहद भेदभावपूर्ण और नुकसानदेह होगा। विकासशील देशों के लिए अभी टीकाकरण को बढ़ावा देना और इसकी सुगमता को और मजबूत करना ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा- भारत सुझाव देगा कि इसे टीकों के असर को लेकर मिल रहे सबूतों और विश्व स्वास्थ्य संगठन, डब्लुएचओ के सुझावों को ध्यान में रखते हुए लागू किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि शुक्रवार को ब्रिटेन में जी-सात के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक में भविष्य की महामारियों और अन्य खतरों के खिलाफ तालमेल बढ़ाने के लिए तो सहमति बनी, लेकिन कम विकसित देशों में वैक्सीन वितरण में तेजी लाने के लिए कोई नई प्रतिबद्धता नहीं बनाई गई।
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