
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का केंद्र सरकार का फैसला गुरुवार से लागू हो जाएगा। इस फैसले के लागू होने के साथ ही राज्य में कई चीजें बदल जाएंगी। जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश हो जाएंगे। दोनों राज्यों में नए उप राज्यपाल कामकाज संभाल लेंगे। अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाने के बाद विधायकों के मिलने वाले भत्ते आदि से जुड़े नियम बदल जाएंगे और पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने बंगले खाली करने पड़ेंगे। इसके अलावा केंद्र सरकार के कई कानून राज्य में लागू हो जाएंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद और फारुक अबदुल्ला को अपने-अपने सरकारी बंगले अब खाली करने पड़ेंगे। बताया जा रहा है कि महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को एक नवंबर तक बंगाल खाली करने का नोटिस दे दिया गया है। दोनों ही पांच अगस्त से हिरासत में हैं। अभी तक सुरक्षा वजहों से इन सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुरक्षा का हवाला देकर श्रीनगर के अति सुरक्षा वाली जगह गुपकर रोड में बंगला आवंटित किया गया था।नए नियम लागू होने के बाद जम्मू-कश्मीर विधानमंडल सदस्य पेंशन कानून 1984 निष्प्रभावी हो जाएगा, जिसके तहत इन विधायकों को भत्ते और सुविधाएं मिल रही थीं। प्रशासन की ओर से कई पूर्व विधायकों और विधान परिषद को सदस्यों को भी सरकारी संपत्ति खाली करने का नोटिस दिया जा चुका है।
नए नियम लागू होने के बाद अब जम्मू कश्मीर और लद्दाख में भी सूचना का अधिकार, आरटीआई कानून लागू हो जाएगा। शिक्षा के अधिकार का नियम भी अब तक लागू नहीं था। पर अब यह भी लागू होगा। सीएजी को भी अब कश्मीर पर पूरा अधिकार प्राप्त हो जाएगा। दूसरे राज्यों के लोगों को जमीन खरीदने का अधिकार भी मिल जाएगा। अल्पसंख्यकों को आरक्षण का अधिकार मिल जाएगा और राज्य की महिलाओं को भी कई ऐसे अधिकार मिल जाएंगे, जिनसे वे पहले वंचित थे।
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