नई दिल्ली। इंजीनियरिंग और मेडिकल में दाखिले के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा टलवाने के लिए छह राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी है। गैर भाजपा शासित छह राज्यों के मंत्रियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर केंद्र सरकार को परीक्षा कराने की अनुमति देने के फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, एनटीए ने दोनों परीक्षाओं के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है। जेईई मेन्स की परीक्षा एक से छह सितंबर को होगी और मेडिकल में दाखिले के लिए नीट की परीक्षा 13 सितंबर को होनी है। सरकार परीक्षा कराने का फैसला कर चुकी है और उस पर अड़ी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि 18 लाख छात्र एडमिट कार्ड डाउनलोड कर चुके हैं।
बहरहाल, सर्वोच्च अदालत के फैसले पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर करने वालों में झारखंड के मंत्री रामेश्वर उरांव, राजस्थान के मंत्री रघु शर्मा, पश्चिम बंगाल के मलय घटक, महाराष्ट्र के उदय रविंद्र सावंत, पंजाब के बीएस संधु और छत्तीसगढ़ के अमरजीत भगत शामिल हैं। यह याचिका अधिवक्ता सुनील फर्नांडीज के माध्यम से दायर की गई है। गौरतलब है कि बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी शासन वाले मुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक की थी, जिसमें अदालत से अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहने का फैसला हुआ था।
गौरतलब है कि सर्वोच्च अदालत ने 17 अगस्त को, इस मामले में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस साल सितंबर में तय मेडिकल व इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं के आयोजन में दखल देने से इनकार कर दिया था। अदालत ने कहा था कि जीवन चलते रहना चाहिए और छात्र वैश्विक महामारी के चलते अपना बहुमूल्य साल बरबाद नहीं कर सकते। सायंतन बिश्वास ने वह याचिका दायर की थी, जिसे सुनवाई के योग्य नहीं मानते हुए अदालत ने खारिज कर दिया था।