श्रीनगर। जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारी देवेंदर सिंह के पकड़े जाने के बाद उसके बारे में कई हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं। सोमवार को यह खुलासा हुआ कि देवेंदर सिंह काफी समय से आतंकवादियों को आश्रय देता था। गौरतलब है कि राज्य पुलिस के डीएसपी देवेंदर सिंह को 11 लोगों की हत्या में वांटेड आतंकवादी नवीद बाबा के साथ गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि देवेंदर सिंह का वीरता पुरस्कार वापस लिया जा सकता है।
इस बीच कश्मीर पुलिस ने देवेंदर सिंह के मामले की जानकारी गृह मंत्रालय को दे दी है। उससे आईबी, रॉ और सेना की खुफिया टीमें पूछताछ करेंगी। इसके बाद एनआईए उसे और नवीद को अपनी कस्टडी में ले लेगी। अब तक हुई जांच में पता चला है कि देवेंदर सिंह कई साल से आतंकवादियों को ठिकाना मुहैया करा रहा था और वह इसके बदले मोटी रकम लेता था। देवेंदर सिंह को रविवार को उस वक्त गिरफ्तार किया गया, जब वह नवीद बाबा को अपनी कार से ले जा रहा था।
देवेंदर ने पूछताछ में बताया कि नवीद को उसने श्रीनगर स्थित अपने घर में भी ठहराया था। देवेंदर सिंह ने काउंटर-इन्सर्जेंसी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप में सब इंस्पेक्टर की पोस्ट पर ज्वाइन किया था और बेहद तेजी से डीएसपी की रैंक तक पहुंचा था। देवेंदर की गिरफ्तारी के बाद आईजी विजय कुमार ने कहा- देवेंदर सिंह ने जघन्य अपराध किया है। वह आतंकवादियों को ले जा रहा था। उसने आतंकियों से 12 लाख रुपए लिए थे। एक आतंकी के तौर पर ही उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा और उसके साथ उसी तरह का व्यवहार होगा।
गौरतलब है कि देवेंदर नवीद और आसिफ अहमद नाम के आतंकियों को कुछ महीनों के लिए ठिकाना मुहैया करवाने के लिए चंडीगढ़ ले जा रहा था। जिस वक्त उसको गिरफ्तार किया गया, उस समय एक सिविलियन इरफान अहमद मीर गाड़ी चला रहा था। उन्हें पुलिस ने कुलगाम जिले में हाईवे पर रोका था। सूत्रों के मुताबिक देवेंदर सिंह पिछले कुछ साल से आतंकवादियों को जम्मू में सर्दियों के मौसम में ठिकाना मुहैया कराता था और इसके बदले में अच्छी खासी रकम लेता था।