nayaindia जेएनयू: गुंडों को पकड़ने में नाकाम पुलिस! - Naya India
सर्वजन पेंशन योजना
समाचार मुख्य| नया इंडिया|

जेएनयू: गुंडों को पकड़ने में नाकाम पुलिस!

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित देश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में से एक जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में घुस कर 50 के नकाबपोशों ने छात्रों, शिक्षकों से मारपीट और छात्रावासों में तोड़फोड़ की और इस घटना के 24 घंटे बाद तक दिल्ली पुलिस एक भी गुंडे की न तो पहचान कर पाई है और न किसी को पकड़ पाई है। सोशल मीडिया के पोस्ट, ग्रुप चैट वगैरह की मदद से छात्र और छात्र संगठन खुद ही पता लगा रहे हैं, जिससे पता चला है कि हमले में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, एबीवीपी का हाथ हो सकता है। पर अभी तक पुलिस किसी को पकड़ नहीं पाई है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल से कहा है कि वे जेएनयू के प्रतिनिधियों से बात करें।

पुलिस की एक और नाकामी सोमवार को जाहिर हुई, जब रविवार की हिंसा में घायल जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने बताया कि कैंपस में नकाबपोश गुंडों के घुसने के बारे में पुलिस को समय रहते ही सूचना दी गई थी, पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। आइशी ने यह भी कहा है कि हमला करने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, एबीवीपी के लोग थे। पुलिस ने कैंपस में हो रही हिंसा नहीं रोकी और कैंपस के गेट पर घायल छात्रों को लेने पहुंची एंबुलेंस के ऊपर हमला हुआ तो पुलिस उसे भी नहीं रोक पाई।

बहरहाल, दिल्ली पुलिस ने इस मामले में खुद से संज्ञान लेकर कुछ मामले दर्ज किए हैं और उसे कुछ शिकायतें भी मिली हैं। पुलिस ने इन सबको एक साथ क्लब करके मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि कुछ हमलावरों की पहचान की गई है, पर पुलिस की जांच और कार्रवाई से ऐसा कुछ नहीं लग रहा है कि उसने किसी को पहचान है या पहचानने का प्रयास किया है। आगे की जांच के लिए पुलिस ने जेएनयू प्रशासन ने सीसीटीवी फुटेज मांगे हैं।

रविवार को हुए हमले के बाद सोमवार को दिन भर जेएनयू कैंपस और आसपास के इलाकों में तनाव बना रहा। हमले के बाद रात को हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर उतरे थे और उन्होंने आईटीओ स्थित दिल्ली पुलिस के मुख्यालय का घेराव भी किया था। सोमवार की सुबह से कैंपस के गेट पर हजारों की संख्या में छात्र डटे हैं और करीब सात सौ पुलिसकर्मी भी वहां तैनात किए गए हैं।

इस बीच सोमवार को दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी, पीआरओ एमएस रंधावा ने छात्रों और शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। गौरतलब है कि रविवार की शाम को नकाबपोश गुंडे जेएनयू परिसर में घुस गए थे और उन्होंने छात्रावास में घुस कर छात्रों व शिक्षकों पर हमला किया और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। इस हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित तीन दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

चौतरफा सबने की निंदा,विरोध

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी, जेएनयू कैंपस में नकाबपोश गुंडों के घुस कर छात्रों व शिक्षकों से मारपीट करने की घटना और पुलिस-प्रशासन की विफलता की चौतरफा निंदा हुई है और पूरे देश में खुल कर विरोध हुआ है। राजनीतिक दलों के नेताओं, फिल्मी जगह से जुड़े लोगों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और यहां तक कि कारोबारियों ने भी खुल कर इस घटना का विरोध किया है और सवाल उठाए हैं।

लंबे समय तक भाजपा की सहयोगी रही शिव सेना के प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस घटना की तुलना मुंबई में 26/11 को हुए आतंकवादी हमले से की है। सोशल मीडिया में भी अजमल कसाब और जेएनयू के एक हमलावर की फोटो की तुलना करके इसे आतंकवादी हमले जैसा बताया जा रहा है। मशहूर कारोबारी आनंद महिंद्रा ने ट्विट करके इस घटना की निंदा की। फिल्म से जुड़े लोगों में अनिल कपूर, ट्विंकल खन्ना, विशाल भारद्वाज, अनुराग कश्यप, स्वरा भास्कर, सुशांत सिंह आदि ने इसका खुल कर विरोध किया। कई फिल्मी सितारे सोमवार को मुंबई में हुए विरोध प्रदर्शन में भी शामिल हुए।

बहरहाल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस हमले को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि इस पूरे मामले की स्वतंत्र न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा- भारत के युवाओं और छात्रों की आवाज हर दिन दबाई जा रही है। देश के युवाओं पर भयावह व अप्रत्याशित ढंग से हिंसा की गई और ऐसा करने वाले गुंडों को सत्तारूढ़ मोदी सरकार की ओर से उकसाया गया है। यह हिंसा निंदनीय और अस्वीकार्य है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा- हमलावरों को मास्क पहनने की जरूरत क्यों पड़ी? वे कायर थे। मैं टीवी देख रहा था। इसने मुझे मुंबई हमले की याद दिलाई। मैं महाराष्ट्र में इस तरह के हमले बपदाश्त नहीं करूंगा। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा- संघ को कैंपस से खतरनाक खूनी खेल बंद करना चाहिए। यह अच्छा रहेगा, अगर वे समझ लें कि छात्रों की आवाज ही देश की आवाज है। बसपा प्रमुख मायावती ने भी जेएनयू की घटना की निंदा करते हुए, कैंपस में हिंसा को शर्मनाक करार दिया है। मायावती ने घटना को लेकर जिम्मेदारों के रवैए पर भी सवाल उठाए हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसकी आलोचना करते हुए सोमवार को कहा- यह लोकतंत्र पर सुनियोजित हमला था। कल की घटना छात्र बिरादरी पर फासीवादी सर्जिकल स्ट्राइक थी। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा के खिलाफ जो भी आवाज उठाता है, उसे राष्ट्र विरोधी या पाकिस्तानी करार दे दिया जाता है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

4 × 2 =

सर्वजन पेंशन योजना
सर्वजन पेंशन योजना
ट्रेंडिंग खबरें arrow
x
न्यूज़ फ़्लैश
संसद के परकोटे से प्रदर्शन!
संसद के परकोटे से प्रदर्शन!