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जेपी मॉर्गन आम्रपाली से डायवर्ट हुई रकम का भुगतान करे : सुप्रीम कोर्ट

ByNI Desk,
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जेपी मॉर्गन आम्रपाली से डायवर्ट हुई रकम का भुगतान करे : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आम्रपाली समूह की अधूरी परियोजनाओं से जुड़े मामले में वित्तीय सहालकार कंपनी जेपी मॉर्गन से आज कहा कि वह घर खरीदारों की डायवर्ट हुई रकम का भुगतान करे। शीर्ष अदालत ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल को बेची जाने वाली प्रॉपर्टी की सूची अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश भी दिया। मामले की सुनवाई शुरू होते ही न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की खंडपीठ ने जेपी मॉर्गन की ओर से पेश मुकुल रोहतगी से पूछा कि डायवर्ट हुई रकम की अदायगी की क्या स्थिति है? जेपी मॉर्गन उस पैसे का इंतजाम करे। इस पर रोहतगी ने कहा कि उनकी मुवक्किल कंपनी ने पैसा नहीं लिया है, लेकिन न्यायमूर्ति मिश्रा ने जोर देकर कहा कि नहीं, जेपी मॉर्गन ने रकम डायवर्ट की है।  यह रकम 140 करोड़ रुपये से ऊपर है।
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दरअसल, मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने जांच की स्थिति रिपोर्ट खंडपीठ के समक्ष पेश की, जिसमें होम बायर्स के पैसे को डायवर्ट करने की जानकारी दी गयी है। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने एएसजी से कहा कि वह उन संपत्तियों का ब्योरा पेश करे जिन्हें बेचा जाना है। न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, आपके हलफनामा में तमाम संपत्तियों का ब्योरा नहीं दिया गया है कि आम्रपाली की कौन सी संपत्तियों को बेचा जाना है। शीर्ष अदालत ने कहा कि सारी संपत्तियों की कीमत समेत ब्योरा पेश किया जाये, जिसे बेचा जाना है। शीर्ष अदालत ने कहा कि 500 कमरों का जो होटल है उसकी नीलामी के लिए कीमत सही नहीं लगाई गई है। वह निजी विशेषज्ञ से उसका मूल्यांकन कराएगी। न्यायालय ने जब्त की गयी आम्रपाली की 85 बेशकीमती कारों में से सात कारें गायब होने पर भी सवाल खड़े किये। खंडपीठ ने इस बारे में अदालत के रिसीवर आर. वेंकटरमनी से पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें जानकारी मिली है कि ये कारें आम्रपाली के कॉरपोरेट कार्यालय में हैं।
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