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केरल की नर्सों को नहीं मिला केरल हाउस : नड्डा

ByNI Desk,
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केरल की नर्सों को नहीं मिला केरल हाउस : नड्डा
नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने आज केरल की सत्ताधारी वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार पर आरोप लगाया कि उसने दिल्ली स्थित केरल हाउस को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनकारियों को इस्तेमाल करने की इजाजत दी, लेकिन कोरोना महामारी से लड़ रही दिल्ली में रहने वाली केरल की नर्सों को यह उपलब्ध नहीं कराया गया। केरल के कासरगोड में पार्टी कार्यालय श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंदिर के उद्घाटन अवसर पर आयोजित एक डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए नड्डा ने मुख्यमंत्री पिनरई विजयन पर कोविड-19 महामारी से संबंधित सही आंकड़ों को दबाने का प्रयास करने और संकट के समय नकारात्मक राजनीति करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने विजयन सरकार पर आरोप लगाया कि वह न सिर्फ हिंसा में यकीन रखती है, बल्कि भ्रष्ट भी है। नड्डा ने कहा, मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि दिल्ली स्थित केरल हाउस को सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को दिया गया लेकिन बहादुर मलयाली नर्सों को यह उपलब्ध नहीं कराया गया। जब दिल्ली में रहने वाली केरल की नर्सों को केरल सरकार की मदद की सख्त जरूरत थी तब केरल सरकार ने उन्हें मदद करने से इनकार कर दिया।
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भाजपा अध्यक्ष ने पिनरई विजयन सरकार पर कोविड-19 के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि संकट के समय भी राज्य सरकार राजनीति करने से बाज नहीं आई। उन्होंने कहा, पिनरई सरकार ने हरसंभव कोशिश की कि सही आंकड़ों को दबाया जाए। यहां तक कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और डॉक्टरों ने जांच की संख्या बढ़ाने की बात की लेकिन राज्य सरकार का रवैया कभी भी सकारात्मक नहीं रहा। उसका रवैया हमेशा नकारात्मक रहा। नड्डा ने कहा कि केरल सरकार ने दावा किया था कि प्रदेश सरकार ने डेढ़ लाख लोगों को पृथक-वास में रखने की व्यवस्था की है लेकिन जब लोगों की संख्या बढ़ने लगी तो सच्चाई सबके सामने आ गई। उन्होंने कहा, ऐसे समय में भी वे राजनीति कर रहे थे। नड्डा ने प्रदेश सरकार पर कोविड-19 से संबंधित आंकड़ों को एक निजी कंपनी को देने का आरोप भी लगाया और कहा, मुझे नहीं पता उस कंपनी से प्रदेश सरकार के क्या रिश्ते हैं लेकिन यह साफ तौर पर राजनीतिक संरक्षण का मामला लगता है।
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केरल की वामपंथी सरकार को अक्षम करार देते हुए उन्होंने उसपर राजनीतिक हिंसा को प्रश्रय देने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र सरकार राजनीतिक हिंसा में लोगों के मारे जाने के मामलों की जांच करेगी और दोषियों को दंडित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा, पिनरई सरकार न सिर्फ अक्षम है, बल्कि वह हिंसा में भी यकीन रखती है। यह एक भ्रष्ट सरकार है। हम सभी ने पिछले दो दशकों में राज्य की सत्ता पर काबिज पार्टी समर्थित हिंसा देखी है। हमारे 270 से अधिक कार्यकर्ता मारे गए हैं जबिक सैकड़ों घायल हुए हैं। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र की सरकार इन सभी मामलों की जांच कर दोषियों को सजा दिलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। नड्डा ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार द्वारा कोरोना महामारी के दौरान उठाए गए कदमों का विस्तार से विवरण दिया और यह कहते हुए प्रदेश भाजपा के कार्यकर्ताओं की तारीफ की कि उन्होंने इस संकट काल में 20 लाख लोगों को राशन किट, सात लाख लोगों को खाद्य पैकेट और 18 लाख फेस कवर बांटे।
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