पुणे। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले पर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के बीच शुरू हुई जुबानी जंग अब जांच एजेंसी और पुणे पुलिस की तकरार तक पहुंच गई है। इस मामले की जांच करने पहुंचीं राष्ट्रीय जांच एजेंसी, एनआईए को पुणे पुलिस ने जांच से जुड़े दस्तावेज सौंपने से मना कर दिया। एनआईए की टीम सोमवार रात पुणे पहुंची थी।
इस बीच इस मामले में राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है- केंद्र सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। ऐसे में केंद्रीय जांच एजेंसी के साथ सहयोग करना संभव नहीं है। गौरतलब है कि 24 जनवरी को केंद्र ने दो साल पहले हुई भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच एनआईए को सौंप दी थी। तभी से इस मामले पर राज्य और केंद्र सरकार के बीच खींचतान चल रही है।
राज्य के गृह मंत्री देशमुख ने कहा- जब तक केंद्र से इस मामले में कोई औपचारिक बात नहीं होती तब तक पुलिस एनआईए की मदद नहीं करेगी। भीमा कोरेगांव मामले की जांच एनआईए को सौंपने से पहले राज्य सरकार से एक बार भी केंद्र ने नहीं पूछा। तभी 25 जनवरी को देशमुख ने राज्य की अनुमति के बिना मामले की जांच एनआईए को सौंपने को संविधान के खिलाफ बताया था।
गौरतलब है कि पिछले दो साल से भीमा कोरेगांव से जुड़े सभी मामलों की जांच महाराष्ट्र पुलिस कर रही थी। महाराष्ट्र सरकार ने 23 जनवरी को भीमा कोरेगांव मामले की समीक्षा की थी। इसके अगले दिन ही केंद्र ने जांच एनआईए को सौंप दी। देशमुख ने बताया था कि समीक्षा बैठक में मामले में कुछ केस वापस लेने और जांच एसआईटी से कराए जाने पर चर्चा हुई थी।
एनआईए को दस्तावेज नहीं दे रही पुणे पुलिस
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