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माओवादियों ने सीआरपीएफ कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह को रिहा किया

ByNI Desk,
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माओवादियों ने सीआरपीएफ कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह को रिहा किया
रायपुर। छत्तीसगढ़ के जोनागुडा में तीन अप्रैल को हुई मुठभेड़ के बाद बंधक बनाए गए सीआरपीएफ जवान राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने छोड़ दिया है। सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई इस मुठभेड़ में 23 जवान शहीद हुए थे। उसी समय माओवादियों ने सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह को अगवा कर लिया था। बाद में नक्सलियों ने सरकार से वार्ताकार नियुक्त करने की अपील की थी। बहरहाल, माओवादियों ने राकेश्वर सिंह को गुरुवार को रिहा किया। रिहा होने के बाद राकेश्वर सिंह को तर्रेम में 168वीं बटालियन के कैंप में ले जाया गया, जहां उनका मेडिकल चेकअप हुआ। उन्हें कैसे और किसके साथ रिहा किया गया, वे कितने बजे वह कैंप पहुंचे, इन बातों का तत्काल खुलासा नहीं हो पाया। राकेश्वर की रिहाई के बाद उनकी पत्नी मीनू ने कहा- आज मेरी जिंदगी का सबसे खुशी भरा दिन है। मुझे उनके लौटने का पूरा भरोसा था। इसके लिए सरकार का धन्यवाद। वहीं उनकी मां कुंती देवी ने कहा- हम बहुत ज्यादा खुश हैं। जो हमारे बेटे को छोड़ रहे हैं, उनका भी धन्यवाद करती हूं। भगवान का भी धन्यवाद करती हूं। Rajasthan में Corona विस्फोट, एक ही दिन में अब तक के सर्वाधिक मामले, टूटे सारे रिकाॅर्ड रिहाई के बाद बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने बयान जारी कर कहा कि जवान राकेश्वर सिंह की वापसी के लिए सर्चिंग अभियान के साथ-साथ इलाके के सामाजिक संगठन, जनप्रतिनिधि और पत्रकार साथियों की भी मदद ली गई थी। पद्मश्री धर्मपाल सैनी, माता रुक्मणी आश्रम जगदलपुर, गोंडवाना समन्वय समिति अध्यक्ष तेलम बोरैया, पत्रकार गणेश मिश्रा और मुकेश चंद्राकर, राजा राठौर, शंकर के सहयोग से अगवा जवान की जानकारी मिली और इन्हीं के प्रयास से उन्हें मुक्त कराया गया।
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