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कांग्रेस ने सुरक्षा समिति पर लगाए आरोप

ByNI Desk,
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कांग्रेस ने सुरक्षा समिति पर लगाए आरोप
नई दिल्ली।  कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने बुधवार को प्रेस बयान जारी करके सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति यानी सीसीएस पर देश की सुरक्षा से जुड़े भेद लीक करने का आरोप लगाया है। बालाकोट एयर स्ट्राइक की खबर तीन दिन पहले ही रिपब्लिक टीवी के प्रमुख अर्णब गोस्वामी को मिलने की खुलासा होने के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सीसीएस के सदस्यों द्वारा सर्वोच्च रक्षा भेद लीक हुआ, जो देश की सुरक्षा व अखंडता के लिए घातक है। कांग्रेस ने कहा की गोपनीयता कानून और संविधान की शपथ का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जांच हो और उन्हें तुरंत बरखास्त किया जाए। बुधवार को कांग्रेस के दिग्गज नेताओं- पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी, राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद, पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और पूर्व विदेश व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने एक साझा बयान जारी किया, जिसमें अर्णब गोस्वामी के लीक हुए व्हाट्सऐप चैट्स के हवाले केंद्र सरकार पर निशाना साधा गया। पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा कि किसी पत्रकार को तीन दिन पहले ही एयर स्ट्राइक की जानकारी कैसे थी? यह पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि सैन्य अभियान का भेद लीक करना देशद्रोह है। मामले में दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। सरकार को तत्काल मामले में जांच के आदेश देने चाहिए। कांग्रेस नेताओं ने कहा है- बालाकोट हवाई हमले से तीन दिन पहले 23 फरवरी को इस जर्नलिस्ट को अनधिकृत रूप से न केलक रक्षा मामलों के सबसे गोपनीय भेद पता चल जाते हैं, बल्कि वह इस भेद को सोशल मीडिया पर दूसरे व्यक्ति के साथ साझा भी कर देता है। कांग्रेस नेताओं ने कहा है- इन भेदों की जानकारी प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को होती है। इन्हीं चार में से कोई यह जानकारी अर्णब गोस्वामी को दे सकता है। इनमें से सभी व्यक्तियों ने देश की सुरक्षा की संवैधानिक शपथ ली है। जाहिर है इनमें से किसी ने संवैधानिक शपथ का उल्लंघन किया है। दूसरी ओर अर्णब की गिरफ्तारी की मांग के संबंध में महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं ने गृह मंत्री अनिल देशमुख से मंगलवार को मुलाकात की। इसके बाद देशमुख ने कहा कि अर्णब की चैट से पता चलता है कि उन्हें बालाकोट स्ट्राइक की पहले से ही जानकारी थी, जबकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा था। उन्होंने कहा- केंद्र सरकार को इस पर नोटिस लेना चाहिए। हम भी इस पर कानूनी सलाह लेंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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