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किस्तें चुका देने वालों को भी मिलेगा फायदा

ByNI Desk,
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किस्तें चुका देने वालों को भी मिलेगा फायदा
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की महामारी रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की अवधि में जिन लोगों ने भारतीय रिजर्व बैंक, आरबीआई की ओर से घोषित मोराटोरियम यानी कर्ज की किस्तें चुकाने से मिली छूट का फायदा नहीं उठाया है उनको भी इसका लाभ दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को देर रात इस बारे में फैसला किया। सरकार ने दो करोड़ रुपए तक के सारे कर्ज के ऊपर छह महीने की मोराटोरियम अवधि में लगने वाले ब्याज के ऊपर का ब्याज माफ कर दिया है। इसका फायदा उन लोगों को भी मिलेगा, जिन्होंने किस्तें समय पर भर दी थीं। ब्याज के ऊपर ब्याज की रकम केंद्र सरकार जमा करेगी। सुप्रीम कोर्ट की ओर से ब्याज राहत लागू करने का निर्देश दिए जाने के बाद वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने इस योजना को लागू करने के दिशानिर्देश जारी किए। इस फैसले से सरकारी खजाने से अतिरिक्त साढ़े छह हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इससे पहले सर्वोच्च अदालत ने अदालत ने 14 अक्टूबर को केंद्र को निर्देश दिया था कि वह कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के दौरान किस्तों के भुगतान से छूट की योजना के तहत दो करोड़ रुपए तक के कर्ज पर ब्याज माफ करने के बारे में जल्दी फैसला करे। अदालत ने कहा था कि आम लोगों की दिवाली अब सरकार के हाथों में है। मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार केंद्र सरकार के फैसले के दायरे में आने वाले खातों पर एक मार्च से 31 अगस्त 2020 की अवधि के लिए ब्याज राहत का लाभ दिया जाएगा। इसमें कहा गया- जिन कर्जदारों के कर्ज खाते की मंजूर सीमा या कुल बकाया राशि 29 फरवरी तक दो करोड़ रुपए से अधिक नहीं थी, वे इस योजना के लाभ के पात्र होंगे। दिशानिर्देश की शर्तों के मुताबिक, 29 फरवरी तक इन खातों का मानक होना अनिवार्य है। मानक खाता उन खातों को कहा जाता है, जिन्हें गैर निष्पादित संपत्ति, एनपीए नहीं घोषित किया गया हो। योजना में कहा गया है कि कर्जदार ने रिजर्व बैंक की ओर से 27 मार्च 2020 को घोषित किस्त भुगतान से छूट योजना का पूरी तरह से या आंशिक रूप से लाभ लेने का विकल्प चुना हो या नहीं, उसे ब्याज राहत का पात्र माना जाएगा। कर्ज राहत योजना का लाभ उन कर्जदारों को भी मिलेगा, जो नियमित किस्तों का भुगतान करते रहे। कर्ज देने वाले संस्थान इस योजना में दी गई छूट के तहत संबंधित कर्जधारक के खाते में अपनी ओर से धन जमा करने के बाद केंद्र सरकार से उसके बराबर की राशि पाने के लिए दावा करेंगे।
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