नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच दुनिया भर के वैज्ञानिक और शोधकर्ता आसानी से इसकी जांच करने के किट बनाने, इसे रोकने का टीका बनाने और इसकी दवा खोजने के काम में लगे हैं। इस बीच खबर आई है कि अमेरिका इस बीमारी से ठीक हो गए लोगों के प्लाज्मा से मरीजों का इलाज करने की तैयारी कर रहा है तो एक जर्मन कंपनी ने ऐसी किट बनाई है, जो ढाई घंटे में इसकी जांच रिपोर्ट दे देगी।
ब्लूमबर्ग में छपी खबर के मुताबिक जर्मनी की कंपनी रॉबर्ट बॉश जीएमबीएच के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वोल्कमार डेनर ने गुरुवार को एक बयान में दावा किया कि उनकी कंपनी की टेस्ट किट के जरिए ढाई घंटे से भी कम समय में कोविड-19 की पुष्टि की जा सकती है। उन्होंने कहा- इसके जरिए संक्रमित मरीज़ों की पहचान तेज़ी से हो सकेगी, और उन्हें जल्दी आइसोलेट किया जा सकेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, इस नए टेस्ट में वाइवालिटिक मॉलीक्यूलर डायग्नॉस्टिक्स प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे बॉश की हेल्थकेयर डिवीजन ने तैयार किया है।
दूसरी अच्छी खबर अमेरिका से है, जहां डॉक्टर कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों के प्लाज्मा से इलाज करने की तैयारी कर रहे हैं। न्यूयॉर्क के डॉक्टर जल्दी ही इसका परीक्षण कोरोना वायरस के मरीजों पर करेंगे। डॉक्टरों का मानना है कि जो भी कोरोना पॉजिटिव अब पूरी तरह ठीक हो चुके हैं, उनका ब्लड एंटीबॉडीज का बड़ा जरिया हो सकता है। ब्लड के प्लाज्मा में एंटीबॉडीज होती हैं। गौरतलब है कि दशकों से इसी प्लाज्मा की एंटीबॉडीज के जरिए संक्रमित बीमारियों को इलाज होता रहा है।