नई दिल्ली। कांग्रेस कार्य समिति, सीडब्लुसी की तर्ज पर 20 विपक्षी पार्टियों ने भी साझा बैठक में संशोधित नागरिकता कानून, सीएए के खिलाफ एक प्रस्ताव पास किया है। सोमवार को संसद की एनेक्सी में हुई विपक्षी पार्टियों की बैठक में पास किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि संशोधित नागरिकता कानून, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी एनपीआर और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी एक ही पैकेज का हिस्सा हैं और यह पैकेज असंवैधानिक है।
सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर देश भर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी पार्टियों की बैठक बुलाई थी। इसमें कांग्रेस सहित 20 पार्टियों के नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक में सोनिया गांधी ने कहा- सरकार लोगों को दबाने, नफरत फैलाने और विभाजन का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में अभूतपूर्व उथलपुथल का माहौल है। संविधान को कमजोर किया जा रहा है और शासन का दुरुपयोग हो रहा है।
सोनिया गांधी की बुलाई इस बैठक से तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी, शिव सेना आदि के नेता शामिल नहीं हुए। मायावती और ममता बनर्जी ने पहले ही इस बैठक में हिस्सा लेने से मना कर दिया था। इस बैठक से पहले शनिवार को, कांग्रेस कार्य समिति की बैठक हुई थी और उसमें भी सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पास हआ था। उस बैठक में सोनिया गांधी ने नागरिकता कानून को एक भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी कानून करार दिया था और कहा था इसका उद्देश्य लोगों को धार्मिक आधार पर विभाजित करना है।
बहरहाल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बुलाई इस बैठक में कांग्रेस की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, पार्टी के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल आदि ने हिस्सा लिया। इनके अलावा एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सीपीएम के सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी राजा, जेएमएम के नेता व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल, राजद के मनोज झा, नेशनल कांफ्रेस के हसनैन मसूदी और रालोद के अजित सिंह शामिल हुए।
इनके अलावा आईयूएमएल के पीके कुन्हालीकुट्टी, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, पीडीपी के मीर मोहम्मद फैयाज, जदएस के डी कुपेंद्र रेड्डी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा और कुछ अन्य दलों के नेता भी शामिल हुए। बैठक में सोनिया गांधी एनआरसी और सीएए का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि मोदी और अमित शाह ने देश को गुमराह किया है। उन्होंने दावा किया- असम में एनआरसी उल्टी पड़ गई। मोदी और शाह सरकार अब एनपीआर की प्रक्रिया को करने में लगी है। यह स्पष्ट है कि एनपीआर को पूरे देश में एनआरसी लागू करने के लिए किया जा रहा है।
सीएए के विरोध में विपक्ष का प्रस्ताव
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