नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को
आईएनएक्स मीडिया मामले में प्रवर्तन निदेशालय, ईडी से जुड़े मामले में जमानत नहीं मिली है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में पी चिदंबरम को
जमानत देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।
अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ लगे आरोप पहली नजर में गंभीर प्रकृति के हैं और
अपराध में उनकी सक्रिय व प्रमुख भूमिका रही है।
जस्टिस सुरेश कैत ने कहा कि अगर मामले में चिदंबरम को जमानत दी जाती है
तो इससे समाज में गलत संदेश जाएगा।
जस्टिस कैत ने कहा- मैं जमानत देने का इच्छुक नहीं हूं।
फैसला सुनाते हुए उन्होंने कहा कि धनशोधन मामले में ईडी की जुटाई सामग्री
भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई की जुटाई गई सामग्रियों से अलग हैं। अदालत ने कहा कि यहीं नहीं,
इस मामले में की गई जांच भी सीबीआई के मामले से अलग है। साथ ही कहा कि आर्थिक अपराधों में पूरा समुदाय प्रभावित होता है।
जज ने कहा- मैं जानता हूं कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है लेकिन इस मामले में जमानत दिए जाने से समाज में गलत संदेश जाएगा। हाई कोर्ट ने चिदंबरम और ईडी दोनों के वकीलों की दलील सुनने के बाद जमानत याचिका पर आठ नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। ईडी ने धनशोधन मामले में उन्हें 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वे निचली अदालत के आदेश से 27 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में हैं।
आईएनएक्स मामले में सीबीआई ने चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 22 अक्टूबर को उन्हें जमानत दे दी थी। सीबीआई ने 15 मई, 2017 को मामला दर्ज किया था, जिसमें आईएनएक्स मीडिया समूह को 2007 में 305 करोड़ रुपए का विदेशी चंदा प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड, एफआईपीबी की मंजूरी देने में गड़बड़ियों का आरोप लगाया गया था।