समाचार मुख्य

पीएम मोदी से आनलाइन मिलने नहीं आईं ममता बनर्जी, टेस्टिंग पर मोदी का जोर, वैक्सीन से ज्यादा डिस्टेंसिंग जरूरी

ByNI Desk,
Share
पीएम मोदी से आनलाइन मिलने नहीं आईं ममता बनर्जी, टेस्टिंग पर मोदी का जोर, वैक्सीन से ज्यादा डिस्टेंसिंग जरूरी
नई दिल्ली । देश भर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुलाई बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नहीं शामिल हुईं। मुख्यमंत्री की ओर से राज्य के मुख्य सचिव बैठक में शामिल हुए। गुरुवार की शाम को हुई इस बैठक में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से निपटने के उपायों पर चर्चा हुई। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए जारी प्रोटोकॉल के पालन पर जोर देने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि वैक्सीनेशन से ज्यादा जरूरी टेस्टिंग और प्रोटोकॉल का पालन है। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से यह भी कहा कि वे कोरोना को हल्के में न लें। इसे भी पढ़ें :  कोरोना | कई राज्यों में नई पाबंदियां प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ गुरुवार को शाम साढ़े छह बजे वर्चुअल बैठक की। महाराष्ट्र के मुख्मंत्री उद्धव ठाकरे, बिहार के नीतीश कुमार आदि के सहित ज्यादातर राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक में शामिल हुए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसमें हिस्सा नहीं लिया। राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय बैठक में शामिल हुए। कहा गया है कि ममता बनर्जी राज्य में चल रहे विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार में व्यस्त हैं। इसे भी पढ़ें : मास्क पर केंद्र और आयोग को नोटिस बहरहाल, प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद इस बात का जवाब दिया कि नौजवानों को वैक्सीन क्यों नहीं लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि नौजवानों को वैक्सीन लगाने के लिए मजबूर करने से बेहतर है कि उन्हें कोरोना रोकने के लिए जारी प्रोटोकॉल मानने के लिए प्रेरित किया जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि मास्क लगाने से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग रखने तक अनेक तरह के उपाय हैं, जिनका अगर नौजवान पालन करते हैं तो उनके पास कोरोना नहीं पहुंच सकता है। मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक खत्म होने के बाद मोदी ने कहा- कोरोना कर्फ्यू लोगों को अवेयर कर रहा है। हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है। अब माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर ध्यान दीजिए। इसमें सरकार को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन यह मेहनत रंग लाएगी। उन्होंने कहा- हमने पिछली बार 10 लाख एक्टिव केस देखे हैं। हमने उस पर सफलता पाई थी। अब तो हमारे पास अनुभव और संसाधन दोनों हैं। हम इस पीक को रोक सकते हैं। गौरतलब है कि देश में एक्टिव केसेज की संख्या नौ लाख से ज्यादा हो गई है। यह भी पढ़ें:- वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वे का आदेश, काशी विश्वनाथ मंदिर में है यह मस्जिद प्रधानमंत्री ने कहा- मैं सभी सीएम से आग्रह करता हूं कि आप मशीनरी के जरिए सर्वे करें। पहले कोरोना में हल्के लक्षण में लोग डर जाते थे। इन दिनों लोग समझ रहे हैं कि जुकाम हो गया है। वे परिवार के साथ पहले की तरह जिंदगी जीते हैं। इससे पूरा परिवार लपेटे में आ जाता है। उन्होंने कहा कि इसे रोकने के प्रो एक्टिव टेस्टिंग की जरूरत है। मोदी ने कहा- हम जितनी ज्यादा टेस्टिंग करेंगे उतने ही लोग सामने आएंगे। ऐसा करके हम परिवार को बचा सकते हैं। वैक्सीन से ज्यादा जरूरत टेस्टिंग की करने की है। हमें खुद से टेस्टिंग करने जाना है। लोगों का इंतजार नहीं करना है।
Published

और पढ़ें