रायबरेली। उत्तर प्रदेश में संकट और लॉकडाउन के समय भी राजनीति जारी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में शनिवार रात 'लापता' के पोस्टर लगाए गए, जिसमें गांधी के निर्वाचन क्षेत्र से बाहर होने पर सवाल उठाए गए हैं। पोस्टर का शीर्षक 'चिट्ठी न कोई संदेश' है।
इतना ही नहीं पोस्टर में, सबसे अमीर सांसदों में से एक कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा चुनाव क्षेत्र में कोई वित्तीय सहायता नहीं देने पर भी सवाल उठाया गया है। पोस्टर में आगे लिखा है, "तुम्हारा हाथ, न जाने हमारा साथ/सबसे बुरी भूल, तुमको किया कबूल।
संयोग से शुक्रवार को ही सोनिया गांधी ने रायबरेली के जिला मजिस्ट्रेट को एक पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में कोरोनोवायरस का मुकाबला करने के लिए एमपीएलएडी योजना के तहत सभी निधियां देने का वादा किया था। इस पोस्टर में किसी का नाम नहीं है और प्रिंटर का नाम भी नहीं दिया गया है जो कि अनिवार्य होता है।
कांग्रेस नेता कमल सिंह चौहान ने कहा कि इन पोस्टरों ने पार्टी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की मानसिकता को दर्शाया है, जो इस संकट के समय का उपयोग राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कहा, सोनिया गांधी हमेशा अपने निर्वाचन क्षेत्र से जुड़ी रही हैं और दो दिन पहले ही उन्होंने कोरोना संकट के लिए अपना सारा फंड दे दिया। जनता सच्चाई जानती है और इस निम्न स्तर की राजनीति से गुमराह नहीं होगी। कांग्रेस जिलाध्यक्ष पंकज कुमार ने पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की और जिला प्रशासन से इस पर ध्यान देने को कहा है।
रायबरेली में लगे सोनिया के 'लापता' होने के पोस्टर
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