नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कवायद अब मुंबई से दिल्ली शिफ्ट हो गई है। लोकसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने के साथ ही महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कवायद दिल्ली में होने लगी है। जानकार सूत्रों के मुताबिक अगले हफ्ते राज्य में नई सरकार बन सकती है।इस सिलसिले में शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस नेताओं की बातचीत हो रही है और इन पार्टियों के अंदर भी बैठकों का दौर चल रहा है। मंगलवार को कांग्रेस के तीन दिग्गज नेता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले।
महाराष्ट्र के प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल और एके एंटनी ने उनके निवास पर जाकर उनसे बात की। ध्यान रहे सोनिया ने पिछले दिनों खड़गे और केसी वेणुगोपाल के साथ अहमद पटेल को भी मुंबई भेजा था। माना जा रहा है कि तीनों नेताओं के साथ सोनिया गांधी ने सरकार गठन के बारे में चर्चा की है।
तभी कहा जा रहा है कि लगभग सारी बातें तय हो गई हैं और अगले हफ्ते नई सरकार बन सकती है।इससे पहले सोमवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। हालांकि मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई। हालांकि जानकार सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं के बीच सरकार बनाने के फार्मूला, न्यूनतम साझा कार्यक्रम, मंत्रालयों के बंटवारे, मंत्रियों की संख्या आदि सबके बारे में बात हो गई है। कहा जा रहा है कि शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनेगी।
पहला कार्यकाल शिव सेना को मिलेगा और स्पीकर का पद कांग्रेस के खाते में जाएगा। इस बीच सोनिया गांधी से शरद पवार की मुलाकात के बाद शिव सेना नेता संजय राउत ने पवार से मुलाकात की। उन्होंने भी पवार की तर्ज पर कहा कि सरकार बनाने के बारे में चर्चा नहीं हुई। राउत ने कहा है कि उन्होंने पवार से राज्य के किसानों की समस्या के बारे में बात की।
इसके साथ ही उन्होंने दोहराया कि महाराष्ट्र में तीनों पार्टियों का गठबंधन होगा और शिव सेना का मुख्यमंत्री होगा। संजय राउत ने गठबंधन के बारे में कहा- आप शरद पवार और हमारे गठबंधन के बारे में चिंता नहीं करें। बहुत जल्दी शिव सेना की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार महाराष्ट्र में सत्ता में होगी। यह एक स्थिर सरकार होगी।