समाचार मुख्य

मोदी ने दी सावधानी बरतने की सलाह

ByNI Desk,
Share
मोदी ने दी सावधानी बरतने की सलाह
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस की महामारी के बीच मंगलवार को सातवीं बार देश को संबोधित किया। उन्होंने देश के लोगों से कोरोना के प्रति लापरवाही नहीं बरतने की अपील की और कहा कि लॉकडाउन भले हटा लिया गया है पर कोरोना वायरस अभी गया नहीं है। उन्होंने लोगों से दो गज की दूरी रखने और मास्क लगाने की अपील की। प्रधानमंत्री ने अपना यह नारा भी दोहराया कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। कोरोना वायरस के केसेज में लगातार हो रही कमी के बीच प्रधानमंत्री ने मंगलवार की शाम छह बजे देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दुनिया के अनेक साधन संपन्न देशों के मुकाबले भारत की स्थिति संभली हुई है और ज्यादा से ज्यादा लोगों की जीवन सुरक्षित रखने में कामयाबी मिली है। उन्होंने देश के लोगों को दशहरा, नवरात्रि, दिवाली, छठ और गुरु नानक जयंती की शुभकामना भी दी। उन्होंने कहा- कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक हम सभी भारतवासियों ने बहुत लंबा सफर तय किया है। समय के साथ आर्थिक गतिविधियों में भी धीरे-धीरे तेजी नजर आ रही है। हम में से अधिकांश लोग, अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए, फिर से जीवन को गति देने के लिए, रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं। त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है। प्रधानमंत्री ने कहा- हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है। बीते सात-आठ महीनों में, प्रत्येक भारतीय के प्रयास से, भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में हैं, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है और अधिक सुधार करना है। आज देश में रिकवरी रेट अच्छी है, मृत्यु दर कम है। दुनिया के साधन-संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल हो रहा है। उन्होंने कहा- कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में टेस्ट की बढ़ती संख्या हमारी एक बड़ी ताकत रही है। प्रधानमंत्री ने कहा- ये समय लापरवाह होने का नहीं है। ये समय यह मान लेने का नहीं है कि कोरोना चला गया, या फिर अब कोरोना से कोई खतरा नहीं है। कई लोगों ने अब सावधानी बरतना बंद कर दिया है। ये ठीक नहीं है। मोदी ने कहा- अगर आप लापरवाही बरत रहे हैं, बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं, तो आप अपने आप को, अपने परिवार को, अपने परिवार के बच्चों को, बुजुर्गों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं।
Published

और पढ़ें