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लद्दाख से मोदी का चीन को मैसेज

ByNI Desk,
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लद्दाख से मोदी का चीन को मैसेज
लद्दाख। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच शुक्रवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोद अचानक लद्दाख पहुंचे। उन्होंने अग्रिम मोर्चे पर जाकर सैनिकों को संबोधित किया और बाद में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में घायल जवानों से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी ने जवानों को संबोधित किया और दो टूक अंदाज में चीन को मैसेज दिया। उन्होंने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि अब विस्तारवादी नीतियों के दिन खत्म हो गए। गौरतलब है कि शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे लद्दाख जाने वाले थे। लेकिन अचानक सुबह साढ़े नौ बजे प्रधानमंत्री मोदी लद्दाख पहुंचे। वहां से वे नीमू में अग्रिम इलाकों में जाकर जवानों से मिले। मोदी ने करीब 26 मिनट तक भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने भारत माता की जय के नारे लगवाए और राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता की पंक्तियां पढ़ीं- उनके सिंहनाद से सहमी धरती रही अभी तक डोल, कलम आज उनकी जय बोल। चीन की विस्तारवादी नीतियों को स्पष्ट चुनौती देते हुए मोजी ने कहा कि विस्तारवाद ने ही मानव जाति का विनाश किया, इतिहास बताता है कि ऐसी ताकतें मिट गईं। हालांकि, बाद में चीन ने मोदी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। चीनी दूतावास ने ट्विट करके कहा- हमें विस्तारवादी के तौर पर देखना निराधार है। चीन ने अपने 14 पड़ोसी देशों में से 12 के साथ शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए सीमा का निर्धारण किया है और भूमि सीमाओं को मैत्रीपूर्ण सहयोग के बंधन में बदल दिया है। उसने यह भी कहा कि चीन को विस्तारवादी के रूप में देखना, अतिरंजना और आधारहीन है। इससे पहले मोद ने कहा था- आज विश्व विस्तारवाद नहीं, विकासवाद के प्रति समर्पित है। विस्तारवाद ने ही मानव जाति का विनाश किया है। इतिहास बताता है कि ऐसा करने वाली ताकतें खत्म हो गईं। सैनिकों का हौसला बढ़ाते हुए मोदी ने कहा- राष्ट्र रक्षा से जुड़े किसी लीडर के बारे में सोचता हूं तो मैं सबसे पहले दो माताओं का स्मरण करता हूं। पहली- हम सभी की भारत माता, दूसरी- वे वीर माताएं, जिन्होंने आप जैसे योद्धाओं को जन्म दिया है। आपका ये हौसला, आपका शौर्य और आपका समर्पण अतुलनीय है।
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