नई दिल्ली। गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के हालात कश्मीर जैसे बन गए। कई इलाकों में इंटरनेट बंद करना पड़ा और 20 से ज्यादा मेट्रो स्टेशन करीब पूरे दिन बंद रहे। कई इलाकों में सड़कें बंद रहीं और लोग जाम में फंसे रहे। दिल्ली-गुड़गांव हाईवे पर गुरुवार को दस किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। नागरिकता कानून के विरोध में उतरे लोगों की जगह जगह पर पुलिस के साथ झड़प हुई और लोगों को हिरासत में लिया गया।
दिल्ली में लाल किला, जामिया नगर, मंडी हाउस सहित कई इलाकों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ। इसकी वजह से राजीव चौक, मंडी हाउस सहित 20 से ज्यादा मेट्रो स्टेशन बंद करने पड़े। कई इलाकों में फोन, एसएमएस और इंटरनेट सेवाएं भी बंद करवा दी गईं। मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियों ने बताया कि सरकार के निर्देश पर उन्होंने सेवा स्थगित की है। हाल के दिनों में यह संभवतः पहली बार हुआ है कि राष्ट्रीय राजधानी में संचार सेवाओं पर पाबंदी लगानी पड़ी। इससे पहले कश्मीर, असम, त्रिपुरा आदि जगहों पर संचार सेवाओं पर पाबंदी की खबरें थीं।
गुरुवार को होने वाले प्रदर्शनों की वजह से दिल्ली में लाल किला क्षेत्र के आसपास धारा 144 लागू कर दी गई थी। निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए सैकड़ों लोगों ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में मार्च निकालने का प्रयास किया। मार्च को रोकने के लिए सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे और पुलिस बल की तैनाती की गई थी। पुलिस ने नागरिकता कानून के विरोध में मार्च कर रहे बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
अधिकारियों ने बताया कि स्वराज अभियान के प्रमुख योगेंद्र यादव को भी हिरासत में लिया गया। मार्च निकालने की कोशिश कर रहे छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को बसों में भर कर ले जाया गया। हाथों में तख्तियां लिए हुए और नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने खुद को बसों में ले जाने दिया। योगेंद्र यादव ने कहा- मैं जानता हूं कि हमारे कई साथियों को हिरासत में लिया जा रहा है, इसके बावजूद कई लोग यहां इकट्ठा हुए।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुरुवार को दो अलग अलग विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया गया। एक विरोध प्रदर्शन छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से आयोजित किया गया। इसकी शुरुआत लाल किले के पास से हुई। जबकि दूसरा प्रदर्शन वामपंथी पार्टियों ने आयोजित किया। इसे मंडी हाउस से शुरू होना था। दोनों ही मार्च आईटीओ के निकट शहीद पार्क में मिलने वाले थे। पर पुलिस ने विरोध प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।
हिरासत में लिए गए नेता, कार्यकर्ता
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लेकर देश की आईटी राजधानी बेंगलुरू और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक नागरिकता कानून का विरोध कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिरासत में लिया गया। बेंगलुरू में देश के मशहूर इतिहासकार और सामाजिक कार्यकर्ता रामचंद्र गुहा को हिरासत में लिया गया। दिल्ली में पुलिस ने स्वराज अभियान के नेता और मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव को हिरासत में लिया। इसके अलावा कांग्रेस, सपा और लेफ्ट पार्टियों के कई नेता भी गुरुवार को गिरफ्तार किए गए।
बेंगलुरू में टाउन हॉल में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ प्रदर्शन करने पहुंचे रामचंद्र गुहा सहित कई लोगों को पुलिस ने धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में लिया। हिरासत में लिए जाने पर गुहा ने कहा कि यह बिल्कुल अलोकतांत्रिक है कि पुलिस शांतिपूर्ण तरीके से भी प्रदर्शन नहीं करने दे रही है, जबकि यह नागरिकों का मौलिक अधिकार है।
दिल्ली में लाल किले के पास से योगेंद्र यादव को हिरासत में लिया गया और पुलिस उनको बवाना लेकर गई। सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी. राजा, पंजाब की पटियाला सीट के पूर्व सांसद धरमवीर गांधी, दिल्ली के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित, स्वराज इंडिया की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष कर्नल जयवीर सहित अनेक नेताओं को हिरासत में लिया गया। छात्र संगठन आईसा की अध्यक्ष सुचेता डे, युवा छात्र नेता उमर खालिद, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के नेता नदीम खान और कांग्रेस नेता अजय माकन की पत्नी व बच्चों को भी हिरासत में लिया गया। लखनऊ में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू को पुलिस ने हिरासत में लिया।
बिहार की राजधानी पटना में भी नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया गया। जबकि दरभंगा में कम्युनिस्ट संगठनों ने रेल रोक दी। गुजरात के अहमदाबाद में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ वाम दलों के बुलाए गए विरोध के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारियों ने कथित रूप से पुलिस वाहन का रास्ता रोका था, और तब पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।