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पुलवामा मामले में बाप-बेटी गिरफ्तार

ByNI Desk,
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पुलवामा मामले में बाप-बेटी गिरफ्तार
श्रीनगर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को पुलवामा आतंकी हमले के मामले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। इससे चार दिन पहले ही एजेंसी ने पुलवामा आतंकी हमले के एक साल बाद बड़ी सफलता हासिल की थी। एजेंसी ने शुक्रवार को आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार को शरण देने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। जांच से जुड़े एनआईए के एक सूत्र ने बताया पुलवामा आतंकी हमले मामले में एजेंसी द्वारा दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सूत्र ने कहा कि हमले में शामिल होने के लिए लेथपोरा इलाके से एक पिता व बेटी को गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपियों की हालिया गिरफ्तारी के बाद इस मामले में अभी तक कुल तीन आरोपी एजेंसी की गिरफ्त में आ चुके हैं। यह गिरफ्तारियां शाकिर बशीर मागरे के खुलासे पर की गईं, जिसे 28 फरवरी को आतंकवाद-रोधी जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया था। हालांकि सूत्र ने यह नहीं बताया कि उन्हें किस आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सूत्र ने कहा कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां की जाएंगी। जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले के काकापोरा के हाजीबाल का निवासी मागरे पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकी समूह का ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) है। एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, मागरे ने पुलवामा आत्मघाती हमलावर को आश्रय देने के साथ ही अन्य प्रकार से भी सहायता प्रदान की। उसे शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की विशेष एनआईए अदालत ने 15 दिनों की एनआईए हिरासत में भेज दिया है। पूछताछ के दौरान मागरे ने खुलासा किया कि उसने डार और पाकिस्तान के आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक को 2018 के अंत से फरवरी 2019 के बीच अपने घर पर पनाह दी और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) की तैयारी में उनकी सहायता की। उसकी दुकान लेथपोरा पुल के पास स्थित है और मोहम्मद उमर द्वारा दी गई सलाह के अनुसार, उसने जनवरी 2019 में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर सीआरपीएफ के काफिले की आवाजाही की टोह लेनी शुरू कर दी और इसके बारे में मोहम्मद उमर और आदिल अहमद डार को सूचित किया। मारुति ईको कार को मोडीफाई करने और फरवरी 2019 की शुरुआत में इसमें आईईडी फिट करने में मागरे भी शामिल रहा था। वह 2018 के मध्य में मोहम्मद उमर द्वारा आदिल अहमद डार से मिलवाया गया और इसके बाद वह जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का पूर्णकालिक ओजीडब्ल्यू बन गया। एजेंसी ने 28 फरवरी को कहा था उसने अपनी शुरुआती पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि कई मौकों पर उसने जेईएम आतंकवादियों को हथियार, गोला-बारूद, नकदी और विस्फोटक सामग्री दी, जिसमें पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले लोग भी शामिल थे।
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