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देश अभूतपूर्व मंदी की ओर

ByNI Desk,
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देश अभूतपूर्व मंदी की ओर
मुंबई। देश अभूतपूर्व आर्थिक मंदी की ओर बढ़ रहा है, ऐसा मानना है भारतीय रिजर्व बैंक, आरबीआई के अर्थशास्त्रियों का। आरबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि लगातार दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट रहनी है, जिससे देश अभूतपूर्व आर्थिक मंदी की ओर बढ़ेगा। आरबीआई ने पहली बार प्रकाशित अपनी रिपोर्ट ‘नाउकास्ट’ में कहा है कि सितंबर में खत्म हुई तिमाही में जीडीपी में 8.6 फीसदी की गिरावट है। आरबीआई की मौद्रिक नीति के प्रभारी और डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा की टीम ने इस स्थिति पर रिपोर्ट तैयार की है। आरबीआई की रिपोर्ट 'नाउकास्ट' में दिखाया कि सितंबर में खत्म हुई तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद  8.6 फीसदी गिर गया। यह हाई फ्रीक्वेंसी डाटा पर आधारित अनुमान है। इससे पहले, अप्रैल से जून की तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की गिरावट आई थी। अर्थशास्त्रियों ने लिखा है कि भारत ने अपने इतिहास में पहली बार 2020-21 की पहली छमाही में तकनीकी मंदी में प्रवेश किया है। सरकार की तरफ से 27 नवंबर को अर्थव्यवस्था के आंकड़े प्रकाशित किये जाने हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था में मंदी के लिए पीएम मोदी को जिम्मेदार बताया। राहुल गांधी ने ट्विट किया- भारत के इतिहास में पहली बार मंदी छाई है। भारत की ताकत को मोदीजी ने कमजोरी में बदल दिया। खुदरा महंगाई दर फिर बढ़ी देश की खुदरा महंगाई दर एक बार फिर बढ़ी है। अक्टूबर के महीने में यह बढ़ कर 7.61 फीसदी पर पहुंच गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक, सीपीआई पर आधारित यह महंगाई दर सितंबर में 7.27 फीसदी थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, एनएसओ ने गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों में महंगाई दर बढ़ने की बात कही। गौरतलब है कि खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर पिछले महीने 11 फीसदी से ज्यादा रही। लगातार सातवें महीने खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक, आरबीआई के सुविधाजनक दायरे से ऊपर रही है। सरकार ने आरबीआई को खुदरा महंगाई की दर दो से छह फीसदी के दायरे में रखने की जिम्मेदारी दी है। सरकार दो तरह की महंगाई दर जारी करती है- खुदरा महंगाई दर और थोक महंगाई दर। खुदरा महंगाई दर खुदरा कीमत के आधार पर तय की जाती है। सरकार अपनी योजना बनाते समय और भारतीय रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति तय करते समय खुदरा महंगाई दर को ही महत्व देते हैं।
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